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कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार आज, 11 आचार्य वैदिक रीति रिवाज से करेंगे अंतिम संस्कार

- अलीगढ़ के नरौरा में गंगा तट के किनारे किया जाएगा अंतिम संस्कार - उनकी अस्थियां अयोध्या के सरयू नदी में भी प्रवाहित की जाएंगी- दाह संस्कार के लिए 25 किलो चंदन की लकड़ी की व्यवस्था की गई

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कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार आज, 11 आचार्य वैदिक रीति रिवाज करेंगे अंतिम संस्कार

कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार आज, 11 आचार्य वैदिक रीति रिवाज करेंगे अंतिम संस्कार

लखनऊ. कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार आज शाम (23 अगस्त) अलीगढ़ के नरौरा में गंगा तट के किनारे किया जाएगा। कल्याण सिंह का वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाएगा। कल्याण सिंह के दाह संस्कार के लिए 25 किलो चंदन की लकड़ी की व्यवस्था की गई है। बताया गया है कि चंदन, ढक, पीपल व आम की लकड़ी का उपयोग किया जाएगा। आर्य समाज के 11 आचार्य अंतिम संस्कार वैदिक रीति रिवाज से सम्पन्न कराएंगे। और उनकी अस्थियां अयोध्या के सरयू नदी में भी प्रवाहित की जाएंगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। और कल्याण सिंह के अंतिम संस्कार के दिन सार्वजनिक अवकाश का ऐलान किया है।

वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार :- कल्याण सिंह का वैदिक रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाएगा। कल्याण सिंह के दाह संस्कार के लिए 25 किलो चंदन की लकड़ी की व्यवस्था की गई है। आर्य समाज के 11 आचार्य अंतिम संस्कार वैदिक रीति रिवाज से सम्पन्न कराएंगे। बताया गया है कि चंदन, ढक, पीपल व आम की लकड़ी का उपयोग किया जाएगा। आचार्यों में रणधीर शास्त्री, दीपक शास्त्री, आचार्य अविनाश शास्त्री, महेंद्र देव हिमांशु, मवासी सिंह शास्त्री, नरपत सिंह, सुभाष कुमार आर्य, मनोज कुमार शास्त्री, जनेश कुमार, सत्यप्रकाश शामिल रहेंगे।

कल्याण सिंह इतिहास बन गए :- आखिरकार पूर्व सीएम कल्याण सिंह इतिहास बन गए। राम मंदिर के अगुवा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (89 वर्ष) नहीं रहे। एक माह 18 दिन जीवन संघर्ष करने के बाद लखनऊ एसजीपीजीआई में सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से कल्याण सिंह का निधन हो गया। यूपी समेत देश में जिसने सुना वह सकते में आ गया। कल्याण सिंह के अंतिम सफर से पहले पक्ष-विपक्ष सभी दलों के नेता श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पड़े। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कल्याण सिंह के पार्थिव देह का अंतिम दर्शन करने के बाद उनको श्रद्धांजलि दी।

कल्याण सिंह जीवनभर जन कल्याण के लिए जिए :- पीएम

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहाकि, कल्याण सिंह ने भाजपा तथा भारतीय जन संघ को एक विचार देने के साथ ही साथ देश के उज्जवल भविष्य के लिए खुद को समर्पित किया। कल्याण सिंह भारत के कोने-कोने में विश्वास का नाम बन गए थे। भाजपा के पुरोधा कल्याण सिंह जीवनभर जन कल्याण के लिए जिए। स्वर्गीय कल्याण सिंह भारत के हर कोने के जनकल्याण के लिए प्रयत्न रहे। उनको जब भी और जैसा भी दायित्व मिला, चाहे विधायक, मुख्यमंत्री, सांसद या फिर गर्वनर उन्होंने हर विधा में जनता की सेवा की। देश ने मूल्यवान हस्ती तथा सामर्थ्यवान नेता खो दिया है। मैं प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करता हूं कि कल्याण सिंह जी को अपने श्री चरणों में स्थान दे।

राजकीय सम्मान से होगा अंति संस्कार :- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि, 23 अगस्त को उनकी देह को अतरौली में लेकर जाएंगे, वहां उनके समर्थक और आम जन अंतिम दर्शन कर पुष्पाजंलि अर्पित करेंगे। 23 अगस्त शाम नरौरा में गंगा के किनारे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अधिक से अधिक लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हो सकें इसलिए 23 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। कल्याण सिंह के निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। इस अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का अंत्येष्टि संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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कल्याण सिंह का सपना पूरा करेंगे :- सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने यूपी के विकास का जो सपना देखा था उसे अवश्य पूरा करेंगे। मुख्यमंत्री ने उनकी आत्मा शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

तीसरी पीढ़ी राजनीति में सक्रिय :- कल्याण सिंह परिवार की तीसरी पीढ़ी भी राजनीति में सक्रिय है। जहां बेटा सांसद तो पोता मंत्री है। कल्याण सिंह दो बार सीएम और आठ बार विधायक रह चुके थे। एकलौते बेटे राजवीर सिंह भाजपा से एटा सांसद हैं। अपने इलाके में राजवीर की जबरदस्त लोकप्रियता है। कल्याण सिंह की बहू प्रेम लता देवी ने भी चुनाव 2012 में जन क्रांति पार्टी की टिकट पर अतरौली सीट से चुनाव लड़ा पर हार गईं। फिर कल्याण सिंह की तीसरी पीढ़ी ने राजनीति में प्रवेश किया। और अतरौली सीट जीत कर राजवीर सिंह के बड़े बेटे संदीप सिंह योगी सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। संदीप के अलावा राजवीर की दो बेटी और एक बेटा भी है। एक बेटी पूर्णिमा सिंह की भाजपा नेता श्यौराज सिंह के बेटे प्रवीण राज सिंह से शादी हुई है। इस प्रकार पूरा परिवार राजनीति में कल्याण सिंह का नाम रोशन कर रहा है।

अपने कामों के लिए याद किए जाएंगे :- कल्याण सिंह आज भी अपने किए गए कामों की वजह से जनता में याद किए जाएंगे। माफियाओं पर शिकंजा और नकल विहीन परीक्षा को सख्ती संग लागू किया। ये कल्याण के काम आज भी गुड गवर्नेंस के नजीर हैं। कल्याण सिंह पहली बार 1991 में मुख्यमंत्री बने तो सबसे पहले नकल पर रोक लगाने की ठानी। उस वक्त शिक्षा मंत्री राजनाथ सिंह थे, जिन्होंने यूपी में नकल अध्यादेश लागू किया। यूपी बोर्ड परीक्षा 1992 में नकल करना और कराना दोनों अपराध बन गया था। पकड़े जाने वालों को जेल भेज दिया जाता था। परीक्षा परिणाम में कमी आई पर ढेर सारे नकल माफिया जेल गए। कल्याण सिंह की पहली सरकार में प्रदेश की कानून व्यवस्था की भी मिसाल दी जाती है। कल्याण सरकार में शातिर अपराधी, माफिया, डाकू और चोर यूपी छोड़ कर चले गए थे। बाहुबली नेताओं के लिए भी कल्याण सिंह काल बन गए थे।