
योगी सरकार पर सवाल उठाने के बाद खुद फंस गए अखिलेश यादव। फोटो सोर्स- पत्रिका
UP Politics: उत्तर प्रदेश के लखनऊ से सामने आए एक मामले ने सभी को चौंका दिया है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की निदेशक (पैरामेडिकल) डॉ. रंजना खरे ने एक शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायत में कहा गया है कि अर्पित सिंह (पिता- अनिल कुमार सिंह) उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एक साथ 6 जगहों पर लैब टेक्नीशियन के पद पर काम कर रहा था। लखनऊ के वजीरगंज थाने में दर्ज FIR में कहा गया है कि अर्पित की बलरामपुर, फर्रुखाबाद, रामपुर, बांदा, अमरोहा और शामली जिलों में टेक्नीशियन के पद पर नियुक्ति हुई। 2016 से ही अर्पित 6 जिलों से वेतन ले रहा था। पुलिस ने कहा कि धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामला सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने योगी सरकार को घेरा, लेकिन जांच के बाद मामले ने मोड़ ले लिया। मामले की जांच के दौरान सामने आया कि अर्पित सिंह की नियुक्ति अखिलेश सरकार के समय ही हुई थी।
घटनाक्रम, सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा सोमवार को एक्स-रे टेक्नीशियनों के लिए एक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को संबोधित करने के कुछ घंटे बाद सामने आया। जिसके बाद बिना किसी का नाम लिए सीएम योगी ने कहा, " ये लोग उस परिवार से हैं जो लोगों से पैसे लेते और उन्हें भर्ती करते थे और उत्तर प्रदेश के लोगों को लूटते थे। भर्ती 2016 में हुई थी। हमने जांच शुरू कर दी है, जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद कई लोग जेल में होंगे।"
Updated on:
09 Sept 2025 03:16 pm
Published on:
09 Sept 2025 03:11 pm
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