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लखनऊ. राज्य सरकार की ओर से कानपुर, आगरा और मेरठ मेट्रो के डीपीआर को हरी झंडी देने के बाद लखनऊ मेट्रो को अंतरिम कंसलटेंट के रूप में चयनित किया गया है। इन सभी मेट्रो कार्यों के निर्माण कार्यों के टेंडर केंद्र सरकार के अनुमति के बाद ही किये जाएंगे। लेकिन राज्य सरकार ने निर्माण समय बचाने के लिए राज्य के फण्ड से डिपो की बाउंड्री वॉल और मेट्रो स्टेशन के डिज़ाइन को फाइनल करने के लिए कहा है।
भारत सरकार द्वारा नई मेट्रो रेल नीति के तहत मेरठ, कानपुर और आगरा मेट्रो का तैयार की गई कॉन्प्रिहेंशन मोबिलिटी प्लान तथा अल्टरनेटर एनालिसिस रिपोर्ट और संशोधन डीपीआर का अनुमोदन दिया जा चुका है। मेट्रो रेल परियोजना की विभिन्न गतिविधियों और सर्वेक्षण इत्यादि के लिए अंतरिम कंसल्टेंट के रूप में लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन को नियुक्त किया गया है। इसकी फीस का निर्धारण भी एलएमआरसी आपसी सहमति से करेगा। हालांकि इस अनुमोदन के साथ शर्त भी लगाई गई है कि इसके टेंडर और निर्माण कार्य केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही शुरू किए जाएं।
फिलहाल राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया है कि राज्य के द्वारा दिए जाने वाले बजट में मेट्रो डिपो की बाउंड्री वॉल और एलिवेटेड अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन के डिजाइन को अंतिम रूप देने का कार्य कर लिया जाए। ताकि केंद्र सरकार की मंजूरी मिलते ही इसका कार्य शुरू कर दिया जाए। इसके लिए भी जिम्मेदारी एलएमआरसी को सौंपी गई है।
इससे पहले मेट्रो मैन ई श्रीधरन ये संकेत दे चुके हैं कि कानपुर के अलावा अन्य राज्यों में लाइट मेट्रो चलाई जा सकती है ।
फैक्ट फाइल
आगरा मेट्रो
- 02 कॉरिडोर
- 30 किमी लंबाई
- 30 मेट्रो स्टेशन
- 13 हजार करोड़ लागत
कानपुर मेट्रो
- 02 कॉरिडोर
- 31 मेट्रो स्टेशन
- 30 किमी लंबाई
- 17 हजार करोड़ लागत
मेरठ मेट्रो
- 02 कॉरिडोर
- 33 किमी लंबाई
- 29 मेट्रो स्टेशन
- 13800 करोड़ लागत
Published on:
24 Jan 2018 10:06 pm
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