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यूपी में बिजली की दरें यथावत, आयोग ने नहीं बढ़ाई बिजली की कीमतें

locationलखनऊPublished: Jul 29, 2021 01:30:08 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Power Tariff in UP – विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh Electricity Regulatory Commission) ने किसानों को दी बड़ी राहत

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लखनऊ. UPERC give farmers great relief काफी इंतजार के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने गुरुवार को टैरिफ आर्डर (Power Tariff in UP) जारी कर दिया है। आयोग ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देते हुए बिजली की दरों को यथावत रखा है। मतलब साफ है कि, प्रदेश में बिजली की दरें नहीं बढाई गई हैं। इसके साथ ही आयोग ने किसानों को मीटर लगाने के बाद भी अनमीटर्ड टैरिफ की सुविधा प्रदान की है।
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यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का असर बिजली की दरों पर साफ-साफ दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली की दर न बढ़ाने का ऐलान पहले ही कर दिया था। गुरुवार को उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ आर्डर जारी कर दिया है। इस आर्डर के तहत उत्त्र प्रदेश में बिजली की कीमतें नहीं बढ़ाई जाएंगी। बिजली की जो दरें अभी प्रभावी हैं उपभोक्ता आगे भी इसी दर पर बिजली बिल का भुगतान करेगा।
किसानों को अनमीटर्ड टैरिफ की सुविधा :- उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इसके साथ ही किसानों को बड़ी राहत दी है। किसानों को मीटर लगाने के बाद भी अनमीटर्ड टैरिफ की सुविधा प्रदान करने की मंजूरी प्रदान की गई है। इस सुविधा से किसानों को जहां पर्याप्त बिजली मिलेगी वहीं कोई अतिरिक्त धन भी नहीं देना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने सभी बिजली कंपनियों के स्लैब परिवर्तन के साथ ही साथ रेगुलेटरी सरचार्ज के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
उपभोक्ता परिषद ने ली राहत की सांस :- बिजली कम्पनियां बिजली की कीमतें बढ़ा सकती हैं इस डर को लेकर उपभोक्ता परिषद ने लगातार सरकार से गुजारिश की थी कि, कोरोना संकट की वजह से उपभोक्ता आर्थिक संकट से गुजर रहा है इसलिए बिजली की दरों में आयोग किसी भी प्रकार की बढ़ोत्तरी न करें ऐसा आदेश दे। आयोग के आज के आदेश से उपभोक्ता परिषद को भी राहत मिल गई है।
महंगी बिजली देने वाले टॉप फाइव प्रदेशों में यूपी :- राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मांग की थी कि सरकार कोरोना संकट में उपभोक्ताओं व किसानों की बिजली दरों में कमी करना चाहती है, तो नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम-2003 की धारा 108 के तहत निर्देश देकर कोविड राहत टैरिफ लागू कराए। प्रदेश का उपभोक्ता बिजली दरों में कमी को लेकर काफी उम्मीद लगाए है। सरकार उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे 19537 करोड़ रुपए के एवज में इस बार उपभोक्ताओं को राहत का तोहफा दिलाए। बीते वर्षों पर नजर डालें, महंगी बिजली देने वाले टॉप फाइव प्रदेशों में यूपी भी शामिल है।

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