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यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 में ग्राम पंचायत में आरक्षण का नया फार्मूला

बताया जा रहा है कि पंचायतीराज निदेशालय ने त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों के आरक्षण का फॉर्मूला शासन को भेजा

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लखनऊ. यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 की तैयारियां तेज हैं। कोरोना संक्रमण की वजह से देर हो चुके यूपी ग्राम पंचायत चुनाव को योगी सरकार शीघ्र अति शीघ्र पूरा कर लेना चाहती हैं। पर प्रधानी का चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को पंचायत विभाग की आरक्षण सूची का इंतजार है। सभी बेसब्र हैं कि उनकी ग्राम पंचायत किस आरक्षण में आएगी। उसी हिसाब से तैयारी करें या न करें। वहीं बताया जा रहा है कि पंचायतीराज निदेशालय ने त्रिस्तरीय पंचायतों के वार्डों के आरक्षण का फॉर्मूला शासन को भेज दिया है।

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आरक्षण नए सिरे से होगा :- अब सबकी निगाहें पंचायतीराज निदेशालय आरक्षण का फॉर्मूले पर है, अगर इसमें बदलाव नहीं हुआ तो ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का आरक्षण नए सिरे से होगा। आरक्षण चक्रानुक्रम में होगा, पर पिछली बार अनुसूचित जाति या अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित पंचायतों के इस बार इन वर्गों के लिए आरक्षण नहीं होगा। नए नगरीय निकायों के गठन या सीमा विस्तार का असर आरक्षण निर्धारण पर पड़ने की संभावना है।

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ग्राम पंचायतों की वर्णमाला क्रम में बनेगी सूची :- यूपी ग्राम पंचायत चुनाव 2021 के आंशिक परिसीमन की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में चल रही है। अब ग्राम पंचायतों की एक सूची वर्णमाला क्रम में बनाई जाएगी। सूची वर्णमाला क्रम में प्रत्येक ब्लॉक में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े और सामान्य वर्ग की आबादी को अंकित किया जाएगा। साथ में ही इसमें यह भी दर्ज किया जाएगा कि वर्ष 1995 में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में कौन सी ग्राम पंचायत किस वर्ग के लिए आरक्षित थी।

आबादी के अनुपात में अवरोही क्रम में हाेगी आवंटित :- पंचायतीराज निदेशालय ने जो फॉर्मूला बना है उसमें एससी, एसटी और पिछड़े वर्ग के लिए प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या उस ब्लॉक में अलग-अलग पंचायतों में उस वर्ग की आबादी के अनुपात में अवरोही (गिरते हुए) क्रम में आवंटित की जाएगी। आरक्षण का निर्धारण चक्रानुक्रम में किया जाएगा, लेकिन 2015 में जो पंचायत एससी या एसटी के लिए आरक्षित थी, उन्हें इस बार एससी या एसटी के लिए आरक्षित नहीं किया जाएगा।

महिला को मिल सकता है मौका :- मान लीजिए ग्राम पंचायत में वर्ष 2015 में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था तो इस बार पिछड़े वर्ग की महिला को मौका मिल सकता है। इसी तरह अगर ओबीसी के लिए पंचायत आरक्षित थी तो महिला को मौका मिल सकता है। आरक्षण निर्धारण का यह फॉर्मूला ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य के पद भी लागू होगा।

जिला पंचायतों का आरक्षण करेगा राज्य मुख्यालय :- शासन, जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर आरक्षण की कार्यवाही करेगा। इसके बाद शासन व निदेशालय मिलकर जिलावार प्रमुखों और विकास खंडवार प्रधानों के आरक्षित पदों की संख्या तय करके सभी जिलों के डीएम को उपलब्ध कराएंगे। प्रत्येक जिले में क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के आरक्षित पदों, विकासखंडवार ग्राम पंचायतों के प्रधानों के आरक्षित पदों और तीनों स्तर की पंचायतों में आरक्षित वार्डों के आवंटन की कार्यवाही डीएम करेंगे।

इस पर पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया जिला पंचायतों का आरक्षण राज्य मुख्यालय से तय होता रहा है और इस बार भी ऐसे ही होगा बाकी ग्राम पंचायत व क्षेत्र पंचायत की सीटों का आरक्षण जिला मुख्यालय से ही तय किया जाएगा।