
अगले 24 घंटों तक भारी बारिश का अलर्ट, आठवीं तक सभी स्कूल बंद
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बुधवार रात 12 बजे से बारिश ने झमाझम जो बरसना शुरू किया तो उसके बाद गुरुवार दोपहर 12 बजे तक लगातार बारिश होती रही। संभवाना है कि बारिश का यह दौर लगातार जारी रहे। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों का यही हाल है। बारिश से ठंड बढ़ गई और शीतलहर जैसे हालात हैं। वहीं कोहरे ने अपना कहर बरपा रखा है। प्रदेश में ठंड की वजह से लखनऊ समेत कई सारे जिलों में कक्षा आठ तक के स्कूल 16 जनवरी को बंद रहेंगे। लखनऊ डीएम अभिषेक प्रकाश के निर्देशानुसार कक्षा नौ से बारह तक के स्कूल सुबह दस बजे से खुलेंगे।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम का ये बदलाव अगले तीन से चार दिनों तक जारी रह सकता है। 18 जनवरी तक उत्तर प्रदेश में जोरदार बारिश की संभावना है। 19 जनवरी को मौसम साफ होना शुरू करेगा लेकिन, उसके बाद इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है। 20 जनवरी से फिर मौसम के बिगड़ने के संकेत हैं। कमोबेश जनवरी महीने का बाकी समय मिला-जुला बारिश के साथ ही गुजरने वाला है।
रायबरेली में लगातार बारिश और ठंडी हवाएं चल रही है। सड़कों पर वाहनों का आना-जाना बहुत कम दिखाई दे रहा है। लेकिन जिले में स्कूल सभी खुले हुए हैं जिलाधिकारी का छुट्टी को लेकर किसी प्रकार का कोई आदेश अभी तक जारी नहीं हुआ है, छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने पर मजबूर हैं लेकिन प्रशासन को यह चीज नहीं दिखाई दे रही है कि कल के कोई बड़ा मामला हो गया बच्चों के साथ तो उसके जिम्मेदार कौन होगा। श्रावस्ती में रात से बरसात शुरू हुई और अभी भी जारी है। जनता का बुरा हाल है। गोंडा में मकर संक्रांति की शाम से शुरू हुई बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही। छुट्टा मवेशियों की आफत है बेचारे सिर छुपाने का ठिकाना ढूंढ़ रहे हैं।
बारिश से किसानों के चेहरे खिले :- पूरे उत्तर प्रदेश में मकर संक्रांति की शाम से शुरू हुई बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। इस बारिश से रबी की फसलों को काफी लाभ पहुंचा है। किसानों का कहना है कि अब उन्हें गेहूं की सिंचाई नहीं करनी पड़ेगी। बरसात होने से फसलों को बराबर पानी मिल गया है। रबी की फसल को सर्दी की फसल कहा जाता है। रबी की फसल की समयसीमा अक्टूबर अंत से मार्च या अप्रैल के बीच तक का होता है। अक्टूबर वह समय होता है जब पूर्व – उत्तर में मानसून की शुरुआत और दक्षिण–पश्चिम में मानसून की वापसी होती है। अक्टूबर की महीने में बीजों की बुवाई का समय होता है जबकि फसलों की कटाई मार्च एवं अप्रैल माह में की जाती है। इस मौसम में फसलों को सिंचाई के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। इन फसलों को बढ़ने के लिए कम नमी और शांत वातावरण जरूरी होता है। रबी की फसलों में गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों आदि की फ़सलें शामिल हैं।
Published on:
16 Jan 2020 02:07 pm
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