
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का मदरसों को लेकर सख्त रवैया अभी भी अपनी जगह बरकरार है। जिस वजह से यूपी भर के 800 से ज्यादा मदरसों को इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल नहीं किया जा सका है। सरकार की तरफ से 836 मदरसे को मंजूरी नहीं मिलने की वजह से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधड़ में ही लटक गया है। इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं नहीं दे पाएंगे। यूपी में 18 अगस्त को जारी हुए आदेश के अनुसार 15 सितंबर 2017 पंजीकरण की लास्ट डेट थी। सरकार ने पंजीकरण की तारीख 15 दिन के लिए और बढ़ा दी गई थी। मदरसा बोर्ड की वेबसाइट (www.madarsaboard.upsdc.gov.in) पर पंजीकरण कराने के लिए मदरसों को 15 दिन का समय और दिया गया था।
उत्तर प्रदेश में मदरसों में होने वाली शिक्षा, मिलने वाले अनुदान और परीक्षाओं के लिए पंजीकरण समेत अन्य व्यवस्थाओं को ऑनलाइन करने के लिए सरकार ने मदरसा बोर्ड की वेबसाइट शुरू की है। इस वेबसाइट ( www.madarsaboard.upsdc.gov.in) पर प्रदेश में संचालित सभी मदरसों को अपना पंजीकरण कराना था। इस संबंध में 18 अगस्त को सरकार ने आदेश जारी किया था। तब सरकार की तरफ से कहा गया था कि पंजीकरण की अंतिम तारीख 15 सितंबर होगी। प्रदेश में तहतानियां, फौकानियां, आलिया और उच्च आलिया स्तर के मदरसों की कुल संख्या 19,143 है। ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक तकरीबन 12000 मदरसों ने ही पंजीकरण कराया है। सरकार ने बाकी मदरसों को पंजीकरण कराने का अंतिम मौका देने के लिए पंजीकरण की मियाद 15 दिन और बढ़ा दी गई थी।
सरकार की ओर से 836 मदरसे को मंजूरी नहीं मिलने पर सैकड़ों छात्र का भविष्य अधर में लटक गया है। इन मदरसों में पढ़ने वाले छात्र मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं नहीं दे सकेंगे। यूपी सरकार ने यह फैसला तब लिया जब इन मदरसों ने अपना डाटा अपलोड नहीं कराया। इस कारण इन मदरसों को यूपी बोर्ड से पहले परीक्षा फॉर्म भरने की इजाजत नहीं दी गई।
यूपी बोर्ड के वेब पोर्टल पर अब तक 2,682 मदरसों ने अपना ब्यौरा अपलोड किया गया है। जबकि 19,143 मदरसों को अपना ब्यौरा अपलोड करना होगा। अपना डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं कराने के कारण इस मदरसों की मान्यता पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं और उनके मान्य होने पर अब तलवार लटक रही है। सरकार ने पहले ही तय कर रखा है जो मदरसे अपनी जानकारी पोर्टल में अपलोड करेंगे उन्हें ही मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं आयोजित करने का मौका दिया जाएगा।
अपना डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं कराने की वजह से इन मदरसों की मान्यता पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं और अब उनके मान्य होने पर तलवार लटकने लग गई है। सरकार ने पहले ही तय कर लिया था कि जो मदरसे अपनी जानकारी पोर्टल में अपलोड करेंगे। सिर्फ उन्हें ही मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं आयोजित कराने का मौका मिल पाएगा।
Updated on:
02 Jan 2018 04:49 pm
Published on:
02 Jan 2018 04:36 pm
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