
चित्रकूट ट्रेजरी घोटाले को लेकर विधानसभा परिसर में गरमाई राजनीति (फोटो सोर्स : Ritesh Singh )
SP Protest Chitrakoot Treasury Scam: विधानसभा सत्र की शुरुआत के साथ ही उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई। चित्रकूट ट्रेजरी घोटाले को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों ने सत्र के पहले ही दिन जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सपा विधायक दल ने विधानसभा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास एकत्र होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और घोटाले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
सत्र के आरंभ होते ही सपा विधायकों का यह प्रदर्शन सत्ता पक्ष के लिए असहज स्थिति पैदा करने वाला रहा। हाथों में तख्तियां, बैनर और पोस्टर लिए विधायक सरकार को घेरते नजर आए। उनका आरोप था कि चित्रकूट ट्रेजरी घोटाला प्रदेश सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है, जिसे दबाने की कोशिश की जा रही है।
सपा विधायकों का कहना है कि चित्रकूट ट्रेजरी घोटाला करोड़ों रुपये के सरकारी धन की हेराफेरी से जुड़ा हुआ मामला है। आरोप है कि ट्रेजरी से जुड़े अधिकारियों और कुछ प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से लंबे समय तक अवैध निकासी होती रही, लेकिन सरकार ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया। विपक्ष का दावा है कि यदि समय पर जांच होती और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाती, तो यह घोटाला इतना बड़ा रूप नहीं लेता। सपा नेताओं ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में चुनिंदा कार्रवाई करती है और बड़े मामलों को दबाने का प्रयास करती है।
सपा विधायकों द्वारा चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के पास प्रदर्शन करना केवल एक विरोध नहीं, बल्कि एक प्रतीकात्मक संदेश भी माना जा रहा है। चौधरी चरण सिंह को किसान हितों, ईमानदारी और सादगी की राजनीति का प्रतीक माना जाता है। सपा नेताओं का कहना है कि वे उन्हीं मूल्यों की रक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं। विधायकों ने कहा कि जिस प्रदेश में चौधरी चरण सिंह जैसे नेताओं की विरासत है, वहां इस तरह के घोटाले शर्मनाक हैं। सरकार को चाहिए कि वह उनके आदर्शों से सीख लेते हुए भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाए।
सपा विधायक दल ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले में निष्पक्ष और समयबद्ध जांच नहीं कराई, तो पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन को और तेज करेगी।
सपा विधायकों के प्रदर्शन के चलते विधानसभा परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। पुलिस और मार्शल दल ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालांकि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप से माहौल पूरी तरह राजनीतिक रंग में रंगा नजर आया। सत्र की शुरुआत में ही इस तरह के प्रदर्शन से यह संकेत भी मिल गया कि आने वाले दिनों में विधानसभा में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस और टकराव देखने को मिल सकता है।
सत्ता पक्ष के नेताओं ने सपा के प्रदर्शन को राजनीतिक नौटंकी करार दिया। उनका कहना है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी तरह गंभीर है और चित्रकूट ट्रेजरी घोटाले की जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। सरकार की ओर से कहा गया कि विपक्ष बिना तथ्यों के आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। जांच पूरी होने के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सत्र की शुरुआत में ही इस तरह का विरोध प्रदर्शन यह संकेत देता है कि विपक्ष इस बार आक्रामक मूड में है। चित्रकूट ट्रेजरी घोटाला सत्र के दौरान एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, जिस पर सरकार को बार-बार जवाब देना पड़ सकता है। सपा के साथ-साथ अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर सरकार को घेर सकते हैं। इससे सदन की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान और हंगामे की स्थिति बन सकती है।
Updated on:
22 Dec 2025 11:15 am
Published on:
22 Dec 2025 11:14 am
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