27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Magh Sakat Chauth 2022 : माघ सकत चौथ की महिमा अपार,जानिए शुभ मुहूर्त और खास उपाए

( Magh Sakat Chauth 2022) संतान की लंबी आयु के लिए रखे जाने वाले पर्व सकट चौथ को तिलकुटा और संकष्टी चौथ भी कहते हैं। इस दिन तिल का लड्डू बनाकर विघ्नहर्ता गणेश को समर्पित किया जाता है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Jan 20, 2022

Magh Sakat Chauth 2022 : माघ सकत चौथ की महिमा अपार,जानिए शुभ मुहूर्त और खास उपाए

Magh Sakat Chauth 2022 : माघ सकत चौथ की महिमा अपार,जानिए शुभ मुहूर्त और खास उपाए

लखनऊ ,( Magh Sakat Chauth 2022) पंडित शक्ति मिश्रा ने बतायाकि माघ के पवित्र महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ कहा जाता हैं। इस दिन संतान की लंबी आयु के लिए सभी माताएं निर्जला उपवास कर भगवान गणेश की उपासना और आराधना करती हैं। ( Magh Sakat Chauth 2022) शास्त्रों के अनुसार सकट के दिन ही भगवान गणेश के जीवन पर बहुत बड़ा संकट आया था। जिसे माता पार्वती ने अपने निर्जला व्रत के प्रभाव से अपने पुत्र को सुरक्षित किया था। इस साल सकट चौथ शुक्रवार के दिन 21 जनवरी को पड़ रही है। उन्होंने कहाकि भगवान् गणेश सकट चौथ का त्योहार शुक्रवार को मनाया जाएगा।

( Magh Sakat Chauth 2022) चतुर्थी का मान 21 जनवरी की सुबह 8:52 बजे से लगेगा। जो कि 22 जनवरी की सुबह 9:15 बजे तक रहेगा। चंद्रोदय का समय रात 8:48 बजे का है। संतान की लंबी आयु के लिए रखे जाने वाले पर्व सकट चौथ को तिलकुटा और संकष्टी चौथ भी कहते हैं। इस दिन तिल का लड्डू बनाकर विघ्नहर्ता गणेश को समर्पित किया जाता है। मान्यता यह भी है कि तिलकुट पहाड़ बनाया जाता है और से प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाता है।


( Magh Sakat Chauth 2022) आज के दिन करें उपाय

1. गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ अत्यन्त शुभकारी होगा ।

2 गणेश भगवान को दूध (कच्चा), पंचामृत, गंगाजल से स्नान कराकर, पुष्प, वस्त्र आदि समर्पित करके तिल तथा गुड़ के लड्डू, दूर्वा का भोग जरूर लगायें। लड्डू की संख्या 11 या 21 रखें। गणेश जी को मोदक (लड्डू), दूर्वा घास तथा लाल रंग के पुष्प अति प्रिय हैं । गणेश अथर्वशीर्ष में कहा गया है "यो दूर्वांकुरैंर्यजति स वैश्रवणोपमो भवति" अर्थात जो दूर्वांकुर के द्वारा भगवान गणपति का पूजन करता है। वह कुबेर के समान हो जाता है। "यो मोदकसहस्रेण यजति स वाञ्छित फलमवाप्रोति" अर्थात जो सहस्र (हजार) लड्डुओं (मोदकों) द्वारा पूजन करता है। वह वांछित फल को प्राप्त करता है।

3 . गणपति के 12 नाम या 21 नाम या 101 नाम से पूजा करें ।

4 . पंडित शक्ति मिश्रा ने कहाकि शिवपुराण के अनुसार महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्ष के। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा। अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्ष तक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।