scriptMaha Shivratri 2018 : जानिए महाशिवरात्रि व्रत का समय पूजा विधि और महत्व, भगवान शिव का सर्वश्रेष्ठ व्रत | Maha Shivratri 2018 date time shubh muhurat vrat puja vidhi or mahatva | Patrika News

Maha Shivratri 2018 : जानिए महाशिवरात्रि व्रत का समय पूजा विधि और महत्व, भगवान शिव का सर्वश्रेष्ठ व्रत

locationलखनऊPublished: Jan 09, 2018 12:42:56 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

Maha Shivratri 2018 : महाशिवरात्रि व्रत का समय पूजा विधि और महत्व, शुभ मुहूर्त – 24:09 से 01:01 तक रहेगा। मुहूर्त की अवधि कुल 51 मिनट की है।

 2018 में महाशिवरात्रि, maha shivaratri in hindi

Neeraj Patel

Maha Shivratri 2018 : महाशिवरात्रि हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि ? पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिङ्ग ( जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है ) के उदय से हुआ था। अधिक तर लोग यह मान्यता रखते है कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवि पार्वति के साथ हुआ था। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

शिवरात्रि के बारे में जानें

महाशिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में सालाना मनाया जाने वाला हिंदू त्यौहार है। इस दिन शिव का देवी पार्वती से विवाह किया गया था। महाशिवरात्रि त्योहार, जिसे ‘शिवरात्रि’ या ‘शिव की महान रात’ के रूप में भी लोकप्रिय माना जाता है। शिव और शक्ति के अभिसरण को दर्शाता है अमावस्या-एंट महीने की गणना के अनुसार हिंदू कैलेंडर माह मेघ के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर महा शिवरात्रि मनाया जाता है। पूर्णिमा-एंटी महीने की गणना के अनुसार, दिन है कृष्ण पक्ष हिंदू कैलेंडर माह फल्गुना का चतुर्दशी जो कि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार फरवरी या मार्च में पड़ता है। वर्ष में बारह शिवरात्रियों में से, महाशिवरात्री सबसे पवित्र हैं।

शिव यानि कल्याणकारी, शिव यानि बाबा भोलेनाथ, शिव यानि शिवशंकर, शिवशम्भू, शिवजी, नीलकंठ, रूद्र आदि। हिंदू देवी-देवताओं में भगवान शिव शंकर सबसे लोकप्रिय देवता हैं, वे देवों के देव महादेव हैं तो असुरों के राजा भी उनके उपासक रहे। आज भी दुनिया भर में हिंदू धर्म के मानने वालों के लिए भगवान शिव पूज्य हैं। इनकी लोकप्रियता का कारण है इनकी सरलता। इनकी पूजा आराधना की विधि बहुत सरल मानी जाती है। माना जाता है कि शिव को यदि सच्चे मन से याद कर लिया जाए तो शिव प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी पूजा में भी ज्यादा ताम-झाम की जरुरत नहीं होती। ये केवल जलाभिषेक, बेलपत्रों को चढ़ाने और रात्रि भर इनका जागरण करने मात्र से मेहरबान हो जाते हैं।

वैसे तो हर सप्ताह सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है। हर महीने में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन साल में शिवरात्रि का मुख्य पर्व जिसे व्यापक रुप से देश भर में मनाया जाता है दो बार आता है। एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में। फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को तो महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु कावड़ के जरिए गंगाजल भी लेकर आते हैं जिससे भगवान शिव को स्नान करवाया जाता हैं।

कैसे मनाई जाती है शिवरात्रि

शिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूम धाम और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी महिलाएं प्रातः काल जागकर स्नान आदि करके भगवान शिव के मंदिर जाती है। वहां शिवलिंग का जलाभिषेक कर दुग्धाभिषेक करती है। इसके बाद वे शिव जी को फूल आदि अर्पित कर उन्हें टीका लगाती है। तत्पश्चात वे उन्हें बेलपत्र, भांग, धतूरा, आख आदि फल-फूल चढाती है। माना जाता है सामान्य फलों और मिठाइयों की तुलना में शिव जी ये जंगली फल अधिक पसंद आते है।

इस दिन शिवलिंग पर धतूरा और बेलपत्र चढ़ाने का खास महत्व होता है। इसके बाद वे उन्हें किसी मीठी चीज से भोग लगाती है। भोग लगाने के पश्चात् धुप दिप आदि जलाकर उनकी पूजा अर्चना करती है और शिव जी की आरती जाती है।इस दिन उपवास रखने का बेहद ख़ास महत्व होता है। माना जाता है जो कन्या पुरे श्रद्धा और विश्वास के साथ शिवरात्रि का उपवास रखती है उसे मनचाहा वर प्राप्त होता है।

इसीलिए लड़कियां और महिलाएं इस पुरे दिन उपवास रखती है और अगले दिन पारण समय में अपना उपवास खोलती है। इस उपवास में आप पुरे दिन भर पानी पी सकती है, फल खा सकती है व्रत में खाने वाली सभी चीजों का सेवन भी कर सकती है। कुछ लोग शिवरात्रि का व्रत रात्रि में ही सदा भोजन करके खोल लेते है।तो इस वर्ष आप भी भोले बाबा का व्रत करके उन्हें प्रसन्न करें और उनसे अच्छे जीवनसाथी का आशीर्वाद लें।

वैसे तो वर्ष भर में 12 शिवरात्रियां आती है लेकिन इन सभी में फाल्गुन माह की शिवरात्रि को सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण माना जाता है। महाशिवरात्रि का व्रत भारत में सर्वश्रेष्ठ व्रत माना जाता है। वैसे तो इस व्रत को कोई भी रख सकता है लेकिन महिलाएं और लड़कियां इस व्रत को बड़े शौक से रखती है। माना जाता है, इस व्रत के प्रभाव से कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है और जिन महिलाओं का विवाह हो चुका है उनके पति का जीवन और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहता है।

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त

वर्ष 2018 में महाशिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी 2018, मंगलवार के दिन मनाई जाएगा।

इस दिन शिवरात्रि निशिता काल पूजा का समय 24:09 से 25:01 तक रहेगा। मुहूर्त की अवधि कुल 51 मिनट की है।

14 तारीख को महाशिवरात्रि पारण का समय 07:04 से 15:20 तक रहेगा।

रात्रि पहले प्रहर पूजा का टाइम = 18:05 से 21:20 तक
रात के दूसरा प्रहर में पूजा का टाइम = 21:20 से 24:35 तक
रात्रि तीसरा प्रहर पूजा का टाइम = 24:35+ से 27:49 तक
रात्रि चौथा प्रहर पूजा का टाइम = 27:49+ से 31:04 तक

चतुर्दशी तिथि 13 फरवरी 2018, मंगवलार 22:34 से प्रारंभ होगी जो 15 फरवरी 2018, 00:46 बजे खत्म होगी।

 

2019 में महाशिवरात्रि की तिथि व समय

महाशिवरात्रि दिन शुक्रवार 4 मार्च 2019 को पड़ेगी।

निशिथ काल पूजा- 24:07 से 24:57

पारण का समय- 06:46 से 15:26 (5 मार्च)

चतुर्दशी तिथि आरंभ- 16:28 (4 मार्च)

चतुर्दशी तिथि समाप्त- 19:07 (5 मार्च)


महिलाओं के लिए शिवरात्रि का विशेष महत्व है। अविवाहित महिलाएं भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं कि उन्हें उनके जैसा ही पति मिले। वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के लिए मंगल कामना करती हैं। शिवरात्रि के साथ कई पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। शिवरात्रि के प्रारंभ और इसके महत्व के बारे में कई पौराणिक कथाएं हैं।

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