23 सितम्बर को मामले की जाँच को सीबीआई(cbi) को सौंप दिया गया था जिसके बाद एसटीआई ने एकदम किनारा कर लिया| सीबीआई टीम ने मठ पहुंचकर पहले दिन आठ घंटे से ज्यादा समय तक मठ में रहकर छानबीन की फिर सीबीआई की फोरेंसिक टीम ने महंत के कमरे से सबूत जुटाए। और साथ में टीम के अफसरों ने बलबीर गिरि समेत नरेंद्र गिरि के तमाम करीबियों से पूछताछ की और उनके बयान नोट किए।
तीन दिन की जांच पड़ताल के बाद टीम ने 28 सितंबर को तीनों आरोपियों आनंद गिरि, आद्या तिवारी व संदीप तिवारी को कस्टडी रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ शुरू की। आनंद को लेकर हरिद्वार गई और फिर उसका लैपटॉप, मोबाइल बरामद किया। मठ और मंदिर के पास जाकर गोपनीय तरीके से जांच पड़ताल की।
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Prayagraj : महंत नरेंद्र गिरि के षोडसी भंडारे में 10 हजार से अधिक लोग हुए शामिल, बाघम्बरी गद्दी का कार्यभार संभालेंगे बलबीर गिरि टीम ने उन पुलिसकर्मियों से भी सवाल किए जो सालों से महंत की सुरक्षा में लगे थे। इस तरह लगभग 1000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ करने के बाद साक्ष्य इकट्ठे किये लेकिन इसके बावजूद अब तक महंत की मौत राज ही बनी हुई है। हालांकि सीबीआई की ओर से भी जांच अब तक कहां पहुंची या इसके निष्कर्ष क्या हैं, इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
इतने दिन तक साक्ष्य जुटाने के बाद भी कोई जवाब ना मिलना अपने साथ कई सारे सवाल खड़ी कर रही है| कई सवाल महंत के सुसाइड नोट से जुड़े अनसुलझे हैं| इसमें एक सवाल यह भी है की नरेंद्र गिरि के कई बेहद करीबी लोगों ने शुरुआत में सुसाइड नोट की प्रामणिकता को लेकर ही सवाल उठाए लेकिन बाद में उन्होंने चुप्पी साध ली। इसका क्या मतलब था?
जानकारों का मानना है यह जांच अभी और लम्बी खिंच सकती है| क्यूकी मामले की जांच देश की सबसे बड़ी एजेंसी कर रही है और वह मामले की तह तक जाने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी।