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Makar sankranti 2022: मकर संक्रांति पर 29 साल बाद हो रही सूर्य-शनि की युति, बन रहे चार महासंयोग, जानिए स्नान का शुभ मुहुर्त

इस साल 14 जनवरी और 15 जनवरी दोनों ही दिन पुण्यकाल और स्नान, दान का मुहूर्त बन रहा है। मकर संक्रांति पर इस बार शत्रुओं का हनन होगा और बाधाएं नष्ट होंगी। पानी में गंगाजल, तिल और थोड़ा सा गुड़ मिलाकर स्नान कर लें पुण्य प्राप्त होगा। मकर संक्रांति पर सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।

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Makar sankranti 2022:  29 साल बाद हो रही सूर्य-शनि की युति, बन रहे चार महासंयोग

Makar sankranti 2022: 29 साल बाद हो रही सूर्य-शनि की युति, बन रहे चार महासंयोग

ज्योतिषाचार्य डॉ शिवबहादुर तिवारी ने बताया कि इस बार 2022 मे पड़ने वाली मकर संक्रांति की तारीख को लेकर लोगों में कुछ सन्देह है। आचार्य ने बताया कि इस साल 14 जनवरी और 15 जनवरी दोनों ही दिन पुण्यकाल और स्नान, दान का मुहूर्त बन रहा है। उत्तरायण काल में संक्रांति का शुभ मुहूर्त शुकवार, 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा उत्तम तिथि 14 जनवरी ही होगी। शुक्रवार का दिन होने की वजह से मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी। इस वर्ष संक्रांति देवी बाघ के वाहन पर आई हैं। मकर संक्रांति का त्योहार पौष माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन सूर्य और शनि एकसाथ मकर राशि में विराजमान होंगे।

ऐसे करें सूर्य नारायण को प्रसन्न

आचार्य ने बताया कि मकर संक्रांति पर सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। यह व्रत भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। इस दिन भगवान को तांबे के पात्र में जल, गुड़ और गुलाब की पत्तियां डालकर अर्घ्य दें। गुड़, तिल और मूंगदाल की खिचड़ी का सेवन करें और इन्हें गरीबों में बांटें। इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करना भी बड़ा शुभ बताया गया है। उन्होंने बताया कि इस बार संक्रांति देवी पीले वस्त्र पहनकर दक्षिण दिशा की ओर चलेंगी।

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उत्तरायण में होते हैं अधिक मांगलिक कार्य

आचार्य जी ने बताया कि शास्त्रों में बताया गया है कि उत्तरायण देवताओं का दिन है और दक्षिणायन देवताओं की रात्रि है। दक्षिणायन की तुलना में उत्तरायण में अधिक मांगलिक कार्य किए जाते हैं। ये बड़ा शुभ फल देने वाले होते हैं। सूर्य जब कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो दक्षिणायन शुरू हो जाता है और सूर्य जब मकर में प्रवेश करते ही उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है।

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शुभ मुहूर्त

उत्तरायण काल में संक्रांति का शुभ मुहूर्त शुकवार, 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। उन्होंने कहा कि ज्यादा उत्तम तिथि 14 जनवरी ही होगी। शुक्रवार का दिन होने की वजह से मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहेगी।