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कैबिनेट में जगह न मिलने के बाद मेनका गांधी को लेकर आई यह खबर, मिल सकता है यहा बड़ा पद

इस बार पीलीभीत के स्थान पर सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव जीतीं मेनका के लिए बड़ी खबर है।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Jun 01, 2019

lucknow

Maneka

लखनऊ. गुरुवार को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में 24 मंत्री, 24 राज्यमंत्री व 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ दिलाई। इसमें यूपी से 8 सांसदों ने भी शपथ ली। जिनमें स्मृति ईरानी, महेंद्र नाथ पांडेय, राजनाथ सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति, वीके सिंह, संजीव बलियान, संतोष गंगवार, महेंद्र नाथ पांडेय जैसे नाम शामिल हैं, लेकिन इस बार अनुप्रिया पटेल व सुल्तानपुर से सांसद मेनका गांधी को कैबिनेट में स्थान नहीं मिला। राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर काफी चर्चा है। अनुप्रिया पटेल को पिछली मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया था। वहीं मेनका गांधी महिला एवं बाल विकास मंत्री थीं।

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मेनिका को मिल सकता है यह पद-

राजनीतिक जनकारों का मानना है कि अनुप्रिया को कैबिनेट विस्तार में जगह मिल सकती है। वहीं इस बार पीलीभीत के स्थान पर सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव जीतीं मेनका के लिए बड़ी खबर है। भाजपा नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी 17वीं लोकसभा में अस्थायी अध्यक्ष (प्रो-टर्म स्पीकर) बन सकती हैं। सूत्रों की मानें तो 8 बार की सांसद मेनका गांधी को इस बार यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। वैसे प्रोटेम स्पीकर के पद के लिए बरेली के सांसद संतोष गंगवार का भी नाम चर्चा में था, लेकिन उनके कैबिनेट मंत्री बनने के बाद मेनका को इस पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

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कौन होता है प्रोटम स्पीकर-

प्रोटेम का अर्थ है कुछ समय के लिए। मंत्रालय के माध्यम से सत्तारूढ़ पार्टी या गठबंधन प्रोटेम स्पीकर का नाम राष्ट्रपति को भेजती हैं जिनमें से किसी एक को वो नियुक्ति करते हैं। इनकी नियुक्ति तब तक के लिए रहती है जब तक लोकसभा या विधानसभा अपना स्थायी विधानसभा अध्यक्ष मतलब स्पीकर न चुन लें। प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ ग्रहण करवाता है। इन्हीं की देखरेख में पूरा कार्यक्रम होता है। जब सभी सांसद शपथ ले लेते हैं, तो उसके बाद ही यह सभी लोकसभा स्पीकर का चुनाव करते हैं।