डाल का आम सीधे पहुंचेगा घर यह ऐप न केवल स्वादिष्ट और उत्तम क्वालिटी के आम सीधे घर तक पहुंचाएगा, बल्कि संस्थान के उद्यमियों द्वारा बनाए गए आम से संबंधित उत्पाद को भी उपलब्ध कराने में सहायक होगा। आम की विभिन्न किस्मों की आइसक्रीम भी सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए इस ऐप का उपयोग हो सकेगा। आम की लुप्त होती प्रजातियों को बचाने में भी यह ऐप कारगर साबित होगा। आम की आपूर्ति चेन से जुड़े लोग ऑफलाइन बिक्री भी कर सकेंगे।
बाग से ही बिक जाएगा आम मैंगो बाबा ऐप का सबसे अधिक फायदा बागबानों को होगा। इस ऐप के जरिए बागबानों का आम बाग से ही आराम से बिक जाएगा। केंद्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान किसान एवं उद्यमियों के साथ मिलकर इसकी कार्ययोजना बना रहा है। इसके अलावा एक और फायदा यह होगा कि ऐप किसानों को मंडी तक जाने की जहमत से भी बचाएगा। इस एप के द्वारा विभिन्न प्रकार के आम और उससे बने उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने और उद्यमियों को उचित दाम दिलाने के उद्देश्य की पूर्ति होगी।
यूपी का दशहरी बेहद खास उत्तर प्रदेश में दशहरी आम का हमेशा से बोलबाला रहा है। उन्नत किस्म में रेशे नहीं होते। उसके बाद नंबर आता है लंगड़ा आम का, जो रेशेदार होता है। यह आम अपनी खास मिठास के लिए जाना जाता है। इस आम की गुठली छोटी और गूदा भरपूर होता है। वहीं चौसा, जब आम के सीजन के अंत में बाकी आप मिलने लगभग बंद हो जाते हैं, तब आता है। इसका रेशा युक्त गुदा और मिठास बैहद खास होती है।
आम की गुणवत्ता बनाए रखना कठिन केंद्रीय उपोष्ण एवं बागवानी संस्थान मलिहाबाद के निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन के मुताबिक कोरोनावायरस के संक्रमण काल में आम की गुणवत्ता को बनाए रखने की चुनौती भी बागबानों के सामने है। इस साल आम की पैदावार भी कम होने की संभावना है, क्योंकि आम पर रोग नियंत्रण में बागबानों को दिक्कत हो रही है। संक्रमण काल में ऐप के माध्यम से डाल के आम को पहुंचाने को लेकर कंपनी से अभी बात चल रही है। अभी सीजन आने में एक महीने का समय बाकी है। गुणवत्ता युक्त आम घर तक वाजिब दाम में पहुंचे, यही ऐप लॉन्च करने का मेन मकसद है।