ज्योतिषाचार्य प्रदीप तिवारी ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्री 21 सितंबर से शुरू होगा। लम्बे समय बाद इस बार कलश स्थापना के लिए अभिजात्य मुहूर्त है. दरअसल इस दौरान आपको घट स्थापना के लिए किसी भी शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी। सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले किसी भी समय की जा सकेगा। घट स्थापना गुरुवार हस्त नक्षत्र को होगा। यह भागवत में बेहद शुभ माना गया है.
इस बार देवी मां का आगमन नौका पर है. वह नौका पर आएँगी इसका सन्देश है कि लोग स्वस्थ रहेंगे और सबका मंगल होगा। मगर उनकी विदाई मुर्गे पर होगी जो यह बताती है कि जनता में इस साल व्याकुलता भी रहेगी। सरकार और सरकारी आदेशों से लोग परेशान हो सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य प्रदीप तिवारी ने बताया कि नवरात्री में मूल नक्षत्र में माता सरस्वती की पूजा बेहद शुभ मानी गई है. यह शुभ समय 27 सितंबर के रात में 9. 40 से शुरू होगा जो अगले दिन 28 सितंबर को 12:17 तक कर सकते हैं. इस मुहूर्त में सरस्वती माता की पूजा विशेष फल देने वाला है.
नवरात्री का पहला दिन – माता शैलपुत्री
दूसरा दिन- माता ब्रह्मचारिणी
तीसरा दिन- माता चंद्रघंटा
चौथा दिन-माता कुष्मांडा
पांचवा दिन-माता स्कंदमाता
छठा दिन – माता कात्यायनी
सातवां दिन- माता कालरात्री
आठवाँ दिन-माता महागौरी
नवां दिन- माता सिद्धिदात्री
नवरात्री व्रत का पारण 30 सितंबर दशमी के दिन होगा