
भर्ती के डर से ढाई हजार लोगों ने छिपाई कोरोना की जानकारी, होम आईसोलेट होकर खुद ही कर रहे हैं इलाज
लखनऊ. कोरोना वायरस (Covid-19) एक जानलेवा बीमारी है। जरा सी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। देश व प्रदेश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग ऐसे हैं जो भय की वजह से अस्पताल जाने से कतरा रहे हैं और होम आइसोलेट में रहकर अपना इलाज कर रहे हैं। लिहाजा एकाएक उनकी तबियत बिगड़ रही है और आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। राजधानी लखनऊ में ऐसे होम आईसोलेशन के ढाई हजार से अधिक मरीज हैं, जो कि लापरवाही के कारण दूसरे रोगों से भी ग्रसित पाए गए हैं। इस बात का खुलासा स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग में हुआ है।
2570 मरीज किए गए शिफ्ट
शहर में 11 मार्च को पहला कोरोना मरीज पाया गया। पहले सभी पॉजिटिव मरीज अस्पताल में भर्ती किए गए। जुलाई में मरीजों की भरमार हो गई। लिहाजा, अस्पतालों में बेडों को लेकर मारामारी बढ़ गई। वहीं, होमआइसोलेशन को लेकर भी आवाज उठने लगी। ऐसे में सरकार ने 21 जुलाई को होमआइसोलेशन की सुविधा मुहैया करा दी। कोरोना के लक्षण वाले मरीज व 60 वर्ष की उम्र पार कर चुके संक्रमित बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया। मगर अस्पताल में भर्ती होने के भय और अधिक खर्च के कारण कई लोगों ने बीमारी छिपा ली। इनमें कई ऐसे भी हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं पाए गए हैं लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे भी मरीज बिना किसी लक्षण के पॉजिटिव पाए जाने पर खुद को होमआईसोलेट कर रहे हैं। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग में कई मरीज दूसरी बीमारी से गिरफ्त में मिले। वहीं, तबीयत बिगड़ने पर खुद कइयों ने कोविड अस्पताल के लिए कॉल की। लिहाजा, जुलाई से अब तक 2570 के करीब मरीज घर से एकाएक अस्पताल शिफ्ट कराने पड़े।
छुपाई दूसरी बीमारी
अस्पताल न जाने के लिए कोरोना मरीज व उनके परिजन फोन पर दूसरी बीमारी की जानकारी छिपा रहे हैं। घर से अस्पताल शिफ्ट किए गए मरीजों में डायबिटीज, हृदय रोग, किडनी, अस्थमा, सीओपीडी, लिवर, कैंसर की बीमारी से घिरे मिले। सीएमओ कार्यालय प्रवक्ता योगेश चंद्र रघुवंशी के मुताबिक होमआइसालेशन के ढाई हजार से अधिक मरीजों को अस्पताल शिफ्ट कराया गया।
Published on:
03 Oct 2020 11:52 am
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