26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सरकारी तबादलों में भ्रष्टाचार को लेकर मायावती का हमला, सीएम योगी से कड़ी कार्रवाई की मांग

उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों में तबादलों के नाम पर भ्रष्टाचार और मनमानी को लेकर सियासत गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के बाद अब बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी योगी सरकार को कठघरे में खड़ा किया है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Prateek Pandey

Jun 20, 2025

mayawati

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राहुल गांधी के माफीनामे पर प्रतिक्रिया दी है। PC: IANS

मायावती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वह सरकारी भ्रष्टाचार और अफसरों की मनमानी के खिलाफ सख्त कदम उठाएं। मायावती ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया है।

सोशल मीडिया पर जताई नाराजगी

मायावती ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में सरकारी तंत्र में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। विशेष रूप से विभिन्न विभागों में तबादलों के दौरान भ्रष्टाचार और हिस्सेदारी के आरोपों की खुलकर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी को इसका गंभीरता से संज्ञान लेकर विजिलेंस विभाग को सक्रिय करना चाहिए और जरूरत हो तो एक एसआईटी का गठन करके पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।

अखिलेश यादव ने भी उठाए थे सवाल

बसपा प्रमुख ने कहा कि प्रदेश की नौकरशाही में व्याप्त ‘द्वेषपूर्ण मनमानी’ से आम जनता त्रस्त है, इसलिए सरकार को इसमें तत्काल सुधार लाना चाहिए, जिससे शासन-प्रशासन में पारदर्शिता आए और जनहित को प्राथमिकता मिले। इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी तबादलों को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए एक शायरी के अंदाज़ में निशाना साधा था। उन्होंने लिखा, "जिसको ट्रांसफर में नहीं मिला हिस्सा, वही राज खोल के सुना रहा है किस्सा।"

क्या है पूरा मामला?

गौरतलब है कि हाल ही में रजिस्ट्रेशन विभाग में बड़े पैमाने पर तबादले किए गए थे, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इन तबादलों पर रोक लगाने का आदेश दिया और जांच के निर्देश दिए थे। इसी तरह होम्योपैथी विभाग में भी तबादले के आदेशों को पहले ही निरस्त किया जा चुका है। बेसिक शिक्षा, आयुष और स्वास्थ्य जैसे अन्य विभागों में भी तबादलों को लेकर असंतोष और आरोप सामने आए हैं।

एक अन्य पोस्ट में मायावती ने हाल में हुई कांस्टेबल भर्ती को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस प्रक्रिया को बेवजह बढ़ा-चढ़ाकर प्रचारित किया गया, जबकि पुलिस भर्ती एक नियमित प्रक्रिया होती है। मायावती ने अपनी सरकार के दौरान 1.20 लाख पुलिस पदों की ईमानदार भर्ती का उल्लेख करते हुए दावा किया कि उस समय बिना भेदभाव के सभी वर्गों को लाभ मिला था, जिसकी आज कमी महसूस की जा रही है।