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सपा के इस कदम से बेचैन बसपा, मायावती ने बैठक में किया बड़ा फैसला, होने जा रहा है बड़ा आयोजन

उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती को एक भी सीट हाथ नहीं लगी।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Dec 01, 2019

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो शुन्य पर रही, तो वहीं समाजवादी पार्टी को दो अधिक सीटों (तीन सीटें जीती थी) का फायदा हुआ, जिसके बाद से सपा के हौसले बुलंद हैं। पार्टी की ओर कई दूसरे दल के नेता खिंचे हुए चले आ रहे हैं, तो बसपा में लगातार छंटनी हो रही है। जिसके डर से लोग मायावती की पार्टी में बाहरी नेता दूरी बनाने लगे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी भी बसपा के कोर वोट बैंक को अपनी ओर खींचने की पूरी कोशिश में हैं। इस वर्ष पहली बार सपा दलितों के मसीहा डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि मनाने जा रही है, जिससे बसपा में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि दलितों को लेकर राजनीति में आगे बढ़ी मायावती सपा के इस कदम से हैरान हो गई हैं। इस कदम की काट के लिए मायावती ने रविवार को की गई बैठक में सपा से भी बड़ा कार्यक्रम करने का ऐलान किया है। मायावती ने छह दिसंबर को व्यापक स्तर पर श्रद्धाजंलि कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश जारी किया है। सेक्टर स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में पार्टी कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक भीड़ जुटाने व बाबा साहब की नीतियों व सिद्धांतों का प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए हैं।

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षणयंत्र हो रहा है- मायावती
उन्होंने बताया कि छह दिसंबर को आंबेडकर परिनिर्वाण दिवस पर जहां पूरे प्रदेश में सेक्टर स्तर पर कार्यक्रम होंगे, वहीं लखनऊ में मंडल स्तर पर आंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल में श्रद्धासुमन कार्यक्रम होगा। उन्होंने इस कार्यक्रम में खुद शामिल होने का संकेत भी दिया। उन्होंने उन कार्यक्रमों को भव्य व अधिक से अधिक भीड़ जुटाने का आदेश भी दिया। बसपा सुप्रीमो ने भाजपा, सपास कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता की मास्टर चाबी पाने के लिए बहुजन समाज में एकजुटता बनाए रखना की बहुत जरूरी है। वोट के लिए दलित समाज की एकता को भंग करने की कई कोशिशें व साजिशें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राजनीतिक वातावरण में खासकर दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक समाज को बुनियादी कानूनी व संवैधानिक हक से दूर रखने का हर तरह से षड्यंत्र किया जा रहा है।

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अखिलेश ने दिए थे निर्देश-

अखिलेश यादव 2022 चुनाव से पहले दलितों को पार्टी की ओर आकर्षित करने में लग गए हैं। इसके चलते वह भी पहली बार बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस व्यापक स्तर पर मनाने जा रहे हैं। बाबा साहेब को याद करने के लिए 6 दिसंबर को उन्होंने जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही समाज निर्माण में उनकी भूमिका व आदर्शों पर चर्चा की जाएगी।