
लोकसभा चुनाव 2019 : मायावती ने तैयार की जिताऊ कैंडिडेट्स की फाइनल लिस्ट!
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भले ही महागठबंधन की बात चल रही है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। मायावती के निर्देश पर पार्टी के जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश लगभग पूरी हो गई है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक लोकसभा सीटों के लिये प्रत्याशियों के नाम फाइनल किये जा सकते हैं। करीब तीन महीने पहले प्रत्याशियों की तलाश का जिम्मा पार्टी के सभी जोनल प्रमुखों को सौंपा गया था, जो काम लगभग पूरा हो चुका है। अब सिर्फ मायावती का ओके आना बाकी है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो यूपी की तकरीबन 40-50 सीटों पर एक-एक या दो-दो प्रत्याशी सेलेक्ट कर लिये गये हैं, जिनके नाम अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक अधिकारिक तौर पर घोषित किये जा सकते हैं। जोनल प्रमुखों ने संभावित प्रत्याशियों के नाम उनकी सक्रियता और कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर चुने हैं। करीब पिछले तीन महीने से बसपा पदाधिकारी जहां बूथ और सेक्टर लेवल पर पार्टी संगठन को मजबूत करने में जुटे थे, वहीं जिताऊ प्रत्याशियों की भी तलाश की जा रही थी।
महागठबंधन हुआ तो...
पार्टी सूत्रों का कहना है कि सितंबर के शुरुआत में ही अकबरपुर, इटावा, फर्रुखाबाद, औरैया और हमीरपुर जैसी कई सीटों पर प्रत्याशियों का के नाम सिलेक्ट किये जा चुके थे, मायावती की मुहर के बाद अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक इन्हें सार्वजनिक कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि अगर महागठबंधन हुआ तो बसपा की कोशिश इन्हीं सिलेक्टेड कैंडिडेट को चुनावी समर में उतारने की होगी।
मायावती ने अभी नहीं खोले पत्ते
उत्तर प्रदेश में भले ही सपा-बसपा, कांग्रेस और रालोद के महागठबंधन की बात की जा रही हो, लेकिन मायावती का रुख क्या होगा, अभी स्पष्ट नहीं है। एक तरफ वह सपा से गठबंधन की बात तो कर रही हैं, लेकिन दूसरी ओर सम्मानजक सीटों की डिमांड कर रही हैं। सम्मानजनक सीटों का उनका पैमाना क्या है, वह अभी पत्ते नहीं खोल रही हैं। इसके अलावा हाल ही में बसपा ने आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को धता बताते हुए अजीत जोगी की पार्टी से गठबंधन कर लिया। मध्य प्रदेश में वह अकेले सभी 232 सीटों पर लड़ने की बात कह रही हैं। मायावती के इस कदम को बीजेपी से मुकाबले को विपक्षी एकता पर बड़ा झटका माना जा रहा है। फिलहाल यूपी में महागठबंधन होगा या नहीं भविष्य के गर्त में है, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि विपक्षी एकता का पेंच सीटों के बंटवारे पर फंसा है।
Updated on:
23 Sept 2018 01:26 pm
Published on:
23 Sept 2018 01:24 pm
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