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Mayawati: मायावती ने केंद्र सरकार को पढ़ाया सेकुलरिज्म का पाठ, पीएम मोदी के भाषण पर जताई आपत्ति

Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए पीएम मोदी के भाषण पर आपत्ति जताई है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को धर्मनिरपेक्षता का पाठ भी पढ़ाया। मायावती ने बड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार का घेराव भी किया।

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लखनऊ

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Vishnu Bajpai

Aug 16, 2024

Mayawati: मायावती ने केंद्र सरकार को पढ़ाया सेकुलरिज्म का पाठ, पीएम मोदी के भाषण पर जताई आपत्ति

Mayawati: मायावती ने केंद्र सरकार को पढ़ाया सेकुलरिज्म का पाठ, पीएम मोदी के भाषण पर जताई आपत्ति

Mayawati: बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट X पर पीएम मोदी के भाषण को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा है कि संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित है? दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को दिल्ली के लाल किले से संबोधित किया। 15 अगस्त को पीएम मोदी ने अपने संबोधन में देश में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की पैरवी की। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि देश का एक बहुत बड़ा वर्ग मानता है कि जिस नागरिक संहिता को लेकर हम लोग जी रहे हैं, वह सचमुच में साम्प्रदायिक और भेदभाव करने वाली संहिता है। मैं चाहता हूं कि इस पर देश में गंभीर चर्चा हो और हर कोई अपने विचार लेकर आए।

मायावती ने किया पलटवार, केंद्र सरकार से पूछ डाले कई सवाल

स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन यानी 16 अगस्त को बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने सोशल मीडिया X अकाउंट पर पोस्ट लिखकर पीएम के भाषण पर पलटवार किया है। मायावती ने लिखा "पीएम मोदी द्वारा कल 15 अगस्त को लाल क़िले से बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा सभी धर्मों का एक-समान सम्मान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्त की संवैधानिक व्यवस्था को ’कम्युनल’ कहना क्या उचित? सरकार संविधान की मंशा के हिसाब से सेक्युलरिज्म का पालन करे यही सच्ची देशभक्ति व राजधर्म।"

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महंगाई, बेरोजगारी और पिछड़ेपन के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरा

मायावती ने आगे लिखा "इतना ही नहीं बल्कि पीएम द्वारा देश की अपार ग़रीबी, बेरोज़गारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि की ज्वलन्त राष्ट्रीय समस्याओं पर इससे प्रभावित करीब सवा सौ करोड़ लोगों में उम्मीद की कोई नई किरण नहीं जगा पाना भी कितना सही? लोगों के ’अच्छे दिन’ कब आयेंगे?"

मायावती ने आगे लिखा "पीएम का 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल क़िले से दिया गया भाषण काफी लम्बा-चौड़ा, किन्तु करोड़ों दलितों व आदिवासियों के आरक्षण आदि के हक की रक्षा के मामले में अत्यन्त निराशाजनक जबकि मा. सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 1 अगस्त 2024 के निर्णय के बाद यह अति खास व ज्वलन्त मुद्दा। इस बारे में भाजपा सांसदों को दिया आश्वासन भी पीएम को याद नहीं रहा, जबकि देश के SC-ST वर्गों को ऐसा ही जातिवादी रवैया अपनाने की कांग्रेस से भी बड़ी शिकायत, क्योंकि इस पार्टी ने भी इनके उपवर्गीकरण व उन्हें बांटने पर भाजपा की तरह ही अभी तक चुप्पी साध रखी है, जो अनुचित।"