
Shruti
लखनऊ. विदेश में #MeToo नाम से शुरू हुई पहल को अब भारत में भी सराहा जा रहा है। मानसिक और शारीरिक रूप से शोषण का शिकार हो चुकी महिलाएं अपनी बुरी यादें समेट कर सोशल मीडिया पर साझा कर रही हैं। इन्हीं में से एक लखनऊ की श्रुति हैं जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत के कुछ बुरे अनुभव पत्रिका से साझा किए।
लखनऊ में बीए की पढ़ाई कर चुकी श्रुति अब कार्पोरेट की दुनिया में कदम रखना चाह रही थी। लेकिन घरवाले इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं थे। हो भी कैसे जाते, आखिर घर की लाड़ली को वो अपनी पलकों पर रखते और किसी चीज की कमी उसे महसूस न होने देते। तो आखिर बेटी को बाहर जाकर नौकरी के लिए दफतरों की ठोकर खाने की क्या जरूरत थी। उसका परिवार थोड़ी दुकियानूसी खयालों वाला था, लेकिन मर्दों के दबदबे वाले समाज में बिटिया के साथ कभी कोई भी नाइंसाफी न हो इसका उन्होंने खास ध्यान रखा था।
तो आखिरकार जैसे तैसे घर वाले माने और थोड़े संकोच विचारों के साथ नौकरी के लिए इजाजत दे दी गई। श्रुति ने नौकरी से पहले कम्प्यूटर कोर्स करना चाहा। क्योंकि हर छोटे बड़े दफ्तर में इसकी ऐसी जरूरत थी मानो पूरी दुनिया इसी पर टिकी हो। बहरहाल उसने डिप्लोमा हासिल किया और कुछ समय बाद इंटरव्यू के लिए कुछ कम्पनियों में अपनी सीवी भेजी। उसके एक मित्र ने उसकी सीवी एक शेयर मार्केट कंपनी में भेजी। इंटरव्यू का कॉल आया। श्रुति ने फोन पर बात की तो उस वक्त वह काफी डरी हुई थी। इंटर्वयू डेट फिक्स हुई, लेकिन जब तक इंटरव्यू का दिन नहीं आ गया तब तक उसके दिन रात का चैन लुटा हुआ था।
आखिरकार वह दिन आया। श्रुति पूरी तैयारी के साथ दफ्तर में दाखिल हुई। इंटरव्यूर से उसका परिचय हुआ और सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ। इंटरव्यू समान्य रहा और आखिर में श्रुति को अगली कॉल का इंतजार करने के लिए कहा गया। मन में लाखों सवाल और कई सारी आशंकाएं लिए श्रुति वहां से चली गई।
दो दिन बीत गए, लेकिन कोई कॉल नहीं आई। उसके घर वाले भी उसके संग इंटरव्यूअर की कॉल का इंतजार करने लगे। श्रुति का मानना था कि इंटरव्यू काफी अच्छा रहा था। उसने हर सवाल का जवाब बड़ी मुस्तैदी और आत्मविश्वास के साथ दिया था। न सेलेक्ट होने की गुंजाइश कम ही थी। घर वाले भी प्रार्थनाओं में जुट गए थे।
फिर आया वो दिन..
अनुमन इंटरव्यू के लिए दफ्तर से दिन के वक्त में ही कॉल आते हैं। लेकिन उस दिन रात के नौ बजे थे। श्रुति के पास फोन उसी का आया जिसने इंटरव्यू लिया था। श्रुति ने फोन उठाया। फोन की दूसरी तरफ इस शख्स ने पहले उससे हाल चाल पूछा, लेकिन उसके बाद अचानक उसके बोल बिगड़ गए। वो श्रुति से अश्लील लहजे में बात करने लगा। श्रुति कुछ समझ न पाई। सामने वाली के कटु शब्द उसे चुभने लगे लगे थे। देखते ही देखते उसके हाथ-पॉव कांपने लगे। और अचानक उसने फोन काट दिया। लेकिन फिर से उसका फोन आया। उसने श्रुति से कहा तुम बहुत खूबसूरत हो, मुझे बेहद अच्छी लगती हो और फिर वह अश्लील शब्दों के साथ गाली-गलौच करने लगा। घबराई श्रुति ने फोन अपने बड़े भाई को थमा दिया। भाई को भी पहले कुछ समझ में नहीं आया, लेकिन दूसरी तरफ से हो रही गालियों की बरसात से उसे समझते देर नहीं लगी कि मामला क्या है। भाई ने भी उसके ही लहजे में बात करना शुरू कर दी। और फोन काट दिया।
लेकिन दूसरी तरफ इंटरव्यूअर शांत नहीं बैठा। उसने फिर श्रुति को फोन किया। और इस बार पहली दफा घर में अभद्र भाषा का प्रयोग हुआ। वो भी इतने तेज स्वर में कि पड़ोसियों तक भाई की आवाज जा रही थी। भाई ने उसे फोन पर खुले में सामने मिलने की चुनौती दी। और पुलिस से भी शिकायत दर्ज करने की धमकी दी। उसके बाद कोई फोन नहीं आया। श्रुति खूब रोई और कई दिनों तक डरी सहमी दिखीं। घर से बाहर नहीं निकली और न ही किसी का फोन उठाया। कुछ दिनों के लिए बाहरी दुनिया से मानो उसका सम्पर्क ही टूट गया था। बाहरी दुनिया इतनी असभ्य है, इसका उसे बिल्कुल अंदाजा नहीं था। यह सोचकर ही वो हैरान थी।
ये वाकया करीब 10 साल पहले का है और आज श्रुति एक जॉब कल्सनटेंसी कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत है। हर बात का बेबाकी से जवाब देना और गलत के खिलाफ आवाज उठाना उसकी आदतों में शुमार है।
Updated on:
17 Oct 2017 10:11 pm
Published on:
17 Oct 2017 05:25 pm
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