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रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश – लखनऊ का एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स क्लब बंद, जिसका पूरे देश में है नाम

1764 में नवाब शुजाउद्दौला अंग्रेजों से जंग हारे तो संधि के तहत रेसकोर्स बनवाया1857 में ब्रिटिश सेना के अफसरों के लिए लखनऊ रेसकोर्स क्लब की नींव पड़ी1912 में लखनऊ रेसकोर्स क्लब ने छावनी के पोलो ग्राउंड में पोलो कराया2012 में लखनऊ रेसकोर्स क्लब ने ही अवध पोलो कप की शुरुआत कराई

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लखनऊ

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Neeraj Patel

Jul 13, 2019

Ministry of Defense ordered closure of anti clockwise race course

रक्षा मंत्रालय ने जारी किया आदेश - लखनऊ का एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स क्लब बंद, जिसका पूरे देश में है नाम

लखनऊ. राजधानी लखनऊ छावनी स्थित देश का पहला एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स क्लब पर भारी बकाए के चलते रक्षा मंत्रालय अपनी जमीन वापस लेने की तैयारी में है इसलिए सरकार ने इस रेसकोर्स क्लब की किसी भी प्रकार की गतिविधि पर रोक लगा दी। यह रेसकोर्स क्लब देश का इकलौता ऐतिहासिक रेसकोर्स माना जाता है।

बता दें कि 1880 में पहली बार ऐतिहासिक रेसकोर्स स्तर पर सिविल सर्विस कप का आयोजन किया गया था तब यहां पर अरबी और आस्ट्रेलियाई घोड़ों को रेस के लिए दौड़ाया गया था। इस एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स का इतिहास कई चैंपियन घोड़ों के नाम है। यहां पर किन्टायर घोड़े की कई साल तक बादशाहत रही। आर्मी कमांडर कप जैसी प्रतिष्ठित रेस के विजेता सुपर डुपर, ड्रीम डील और विजय एस ज्वॉय जैसे घोड़ों की टापों से यह ट्रैक आबाद हुआ। अब यहां घोड़ों की टाप सुनाई नहीं देगी।

एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स की लीज का लगभग 40 से रक्षा मंत्रालय में नवीनीकरण नहीं हुआ है। इसके साथ ही इसका किराया अबतक 36 से बढ़कर 40 लाख हो चुका है। इसलिए रक्षा मंत्रालय ने इस रेसकोर्स क्लब को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में यहां मौजूद 12 थॉरो नस्ल के घोड़ों का ठिकाना बदलना होगा या फिर इनके मालिकों को यहां से साथ में ले जाना होगा। इस रेसकोर्स में अक्टूबर से मार्च तक सीजन की सात या आठ रेस होती थी, लेकिन 210 दिन यहां के बेटिंग सेंटर में मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मैसूर, ऊंटी की रेस के लिए ऑनलाइन ही बाजी लगती थी। इसके चलते पूरे साल यहां रौनक बनी रहती थी लेकिन अब यह रेसकोर्स बंद हो जाने से रौनक नहीं रहेगी।

जानिए क्या है एंटी क्लॉकवाइज रेसकोर्स

रक्षा संपदा अधिकारी अभिषेक मणि त्रिपाठी का कहना क‍ि रेसकोर्स की लीज का नवीनीकरण न होने और शुल्क बकाया होने के कारण इसकी गतिविधि पर रोक लगाई गई है। जल्द ही रक्षा संपदा इसे अपने अधिकार क्षेत्र में ले लेगा। इस तरह के रेसकोर्स आमतौर पर यूरोप में हैं। इंग्लैंड में इस तरह के रेसकोर्स ज्यादा हैं। इसमें मोड़ बाईं तरफ होते हैं। क्लॉकवाइज रेसकोर्स के मोड़ दाईं ओर होते हैं। एंटी क्लॉकवाइज में जॉकी बाएं और क्लॉकवाइज रेसकोर्स में दाएं हाथ के सहारे रेस करता है।

कुछ महत्वपूर्ण बातें

1764 में नवाब शुजाउद्दौला अंग्रेजों से जंग हारे तो संधि के तहत रेसकोर्स बनवाया
1857 में ब्रिटिश सेना के अफसरों के लिए लखनऊ रेसकोर्स क्लब की नींव पड़ी
1912 में लखनऊ रेसकोर्स क्लब ने छावनी के पोलो ग्राउंड में पोलो कराया
2012 में लखनऊ रेसकोर्स क्लब ने ही अवध पोलो कप की शुरुआत कराई