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Mobile Data: आपके फोन का डाटा चीन भेज रही हैं मोबाइल कंपनियां, रहें सतर्क

आपके फोन में मौजूद कोई भी जानकारी अब गोपनीय नहीं रह गई है। मोबाइल फोन पर होने वाली हर एक गतिविधि को कुछ मोबाइल कंपनियां चीन और दूसरे देशों को बेच रही हैं। आइए आपको बताते हैं इस डाटा का इस्तेमाल चीन कैसे करता है ?

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मोबाइल फोन

Mobile Data: भारत में काम करने वाली चीन की मोबाइल फोन कंपनियों पर आरोप लगा है कि वे भारतीय यूजर्स का डाटा अपने देश में भेज रही है। इसकी बकायदा जांच भी शुरू हो गई और आरोप सत्य पाए जाने का दावा किया जा रहा है।

यूजर्स और आईटी के जानकारों ने जब यह मुद्दा उठाया तो केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच शुरू कर दिया है। वास्तव में इनहैंस्ड इंटेलिजेंस सर्विस नाम से सेटिंग है जो यूजर की सहमति लिए बिना ही चीन की कंपनियों ने ऑन कर रखा है जिससे फोन का सारा डाटा लीक हो रहा है।

यूजर के कॉल, एसएमएस और लोकेशन की होती है जानकारी
इनहैंस्ड इंटेलिलेंस सर्विस से आपके कॉल लॉग, लोकेशन और एसएमएस की पूरी जानकारी चीन में बैठे डाटा सेंटर को मिल जाती है। इसकी सेटिंग ऐसी है कि यह डिफाल्ट ऑन ही रहता है मतलब जब आप अपना फोन प्रयोग करते है तो आपको इस सेटिंग को ऑन करने की जरुरत नहीं होती है, यह इनबिल्ट ऑन ही रहता है। जब आप सेटिंग, एडिशनल सेटिंग, फिर सिस्टम सर्विस में जाते हैं तो यह इनहैंस्ड इंटिलेंस होता है जिसे लेकर आपत्तियां की जा रही है।

रियलमी और वन प्लस कर रहे हैं डाटा चोरी
चीन की यह दो कंपनियां रियलमी और वन प्लस पर आरोप है कि यह यूजर्स की सहमति के बगैर चोरी से डाटा एकत्र करके चीन को भेज रहे हैं। देश में कुल बिकने वाले फोन में 9 फीसदी रियलमी का फोन बिकता है, हांलाकि चीन की इन कंपनी के फोन बिक्री में पिछले एक साल में 54 फीसदी गिरावट आई है। उपभोक्ता के बिना जानकारी अथवा सहमति लिए इस प्रकार की जानकारी लेना एक प्रकार से धोखाधड़ी है और चीन की फोन निर्माता कंपनियां यह कार्य कर रही हैं।

कैसे प्रयोग करते हैं डाटा को
चीन के डाटा सेंटर को प्राप्त जानकारी बड़े काम की होती है। भारतीय में करीब 9 फीसदी लोग सिर्फ रियलमी का प्रयोग करते हैं इससे चीन 9 फीसद लोगों की पूरी जानकारी और लोकेशन प्राप्त कर लेता है। साथ ही इन फोन पर संपर्क करने वालों का भी डाटा एनालिसिसि आसानी से किया जा सकता है। जिससे भारत की अर्थव्यवस्था, बाजार की स्थिति, सुरक्षा, शिक्षा आदि विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी अहम जानकारियां पड़ोसी देश चीन को मिल जाती हैं। जिसके आधार पर वह अपनी रणनीति और कार्य को आगे बढ़ाता है।