
केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की 15 वीं किस्त नवंबर तक जारी कर सकती है।
PM Kisan Samman Nidhi Yojana: यूपी में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पंजीकृत कुल किसानों में से लगभग 20% किसान राज्य सरकार द्वारा अपने दस्तावेजों को मान्य कराने में विफल रहे हैं। इससे वें 6,000 रुपये सालाना मिलने वाले लाभ से वंचित हो गए हैं। राज्य अब स्पष्ट रूप से इस योजना के तहत अधिकतम किसानों को कवर करने के प्रयास बढ़ा रहा है।
टॉइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि योजना के तहत पंजीकृत 2.6 करोड़ से अधिक किसानों में से अब तक केवल 2.05 करोड़ ने ही अपने बैंक खाते और आधार कार्ड सत्यापित कराए हैं। बाकी या तो अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं या उनके आधार कार्ड और भूमि कागजात में कोई गलतियां रही हैं।
पीएम मोदी ने लॉन्च की थी ये योजना
बता दें कि, फरवरी 2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने पीएमकेएसएनवाई लॉन्च की गई थी। ये छोटे और सीमांत किसानों के लिए सबसे प्रतिष्ठित योजना है। सरकार नवंबर में किसानों को 2,000 रुपये की 15वीं किस्त जारी करने वाली है। किसानों को आधार कार्ड या पैन कार्ड जैसे पहचान दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक है। इसके अलावा उन्हें भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाते से संबंधित जानकारी, एक पासबुक और स्टेटमेंट और पते का प्रमाण भी जमा करना होगा।
अपडेट किया जा रहा है डेटा
शाही ने कहा कि डेटा को सही तरीके से लगातार अपडेट किया जाता है। उन्होंने कहा कि अप्रैल और मई के बीच दो महीने की लंबी ड्राइव के दौरान 10 लाख से अधिक किसानों ने अपने दस्तावेज जमा करके सत्यापित करा लिए हैं। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य आने वाले दिनों में पीएमकेएसएनवाई के साथ- साथ सभी जिलों को संतृप्त करना है।" उन्होंने कहा, "इसके लिए किसानों को अपनी प्रतिष्ठा सत्यापित कराने के उसके महत्व के बारे में अधिक जागरूक करने की जरूरत है ताकि योजना का लाभ उन तक पहुंच सके।"
कृषि विभाग ने गांवों तक चलाएगी अभियान
कृषि विभाग ने 15 अक्टूबर तक योजना के तहत अधिकतम संख्या में पात्र किसानों को कवर करने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। सभी जिला मजिस्ट्रेटों, सीडीओ को जारी एक सरकारी आदेश में कहा गया है कि किसानों के लिए 'ई-केवाईसी और आधार को जोड़ा जरूरी है।
इसके अलावा, अधिकारियों को पात्र किसानों को प्रमाणित करने के लिए घर-घर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान ग्राम स्तर के सम्मेलनों और 'किसान पाठशालाओं' में भी चलाया जा सकता है।
हेल्पडेस्क स्थापित करेगी सरकार
विभाग ने राजकीय कृषि बीज केंद्रों पर हेल्पडेस्क स्थापित करने का भी निर्णय लिया है। जिन किसानों के भूमि अभिलेख सत्यापित नहीं हुए हैं। उन्हें तहसील स्तर से सत्यापन कराना होगा। यह काम डीएम, एसडीएम और तहसीलदारों की निगरानी में किया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि कृषि विभाग किसानों के ई- केवाईसी को पूरा करने के लिए विभिन्न सामान्य सेवा केंद्रों पर अपने अधिकारियों को तैनात कर रहा है।
Updated on:
03 Oct 2023 08:13 pm
Published on:
03 Oct 2023 08:10 pm
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