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मानवाधिकार उल्लंघन की सबसे ज्यादा शिकायतें थानों और अस्पतालों से, एक साल में आईं 18,918 शिकायतें

- मानवाधिकारों की अनदेखी में थानों और अस्पतालों से सबसे ज्यादा शिकायतें - आयोग को 15 अक्टूबर, 2019 से 14 अक्टूबर, 2020 के बीच 18,918 नई शिकायतें मिलीं - वर्तमान में चल रही 58,698 शिकायतों की सुनवाई

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मानवाधिकार उल्लंघन की सबसे ज्यादा शिकायतें थानों और अस्पतालों से, एक साल में आईं 18,918 शिकायतें

मानवाधिकार उल्लंघन की सबसे ज्यादा शिकायतें थानों और अस्पतालों से, एक साल में आईं 18,918 शिकायतें

लखनऊ. उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग में सबसे ज्यादा शिकायतें पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी आई हैं। आयोग के सदस्य ओपी दीक्षित ने कहा कि थानों और अस्पतालों के अलावा लोगों के हनन की शिकायतें राजस्व विभाग से भी आ रही हैं। वहीं, आयोग के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह व ओपी दीक्षित ने कहा कि 14 अक्टूबर 2019 तक आयोग में 1,03,254 मामले लंबित थे। आयोग को 15 अक्टूबर, 2019 से 14 अक्टूबर, 2020 के बीच 18,918 नई शिकायतें मिलीं। पुरानी और नई शिकायतों को मिलाकर कुल 24,285 मामलों का निस्तारण कराया गया। वर्तमान में 58,698 शिकायतों की सुनवाई चल रही है। यही वजह है कि आयोग ने थानों, अस्पतालों और कारगार में बोर्ड लगाकर मानवाधिकार का उल्लेख करने का आदेश दिया था।

मानक के विपरीत बना हो स्पीड ब्रेकर तो करें शिकायत

लखऊ के विभिन्न स्थानों पर लोगों द्वारा मानकों के विपरीत स्पीड ब्रेकर बनाने की शिकायतें आ रही हैं, जिसपर शासन को कार्रवाई का आदेश दिया गया था। शासन ने आयोग को अवैध स्पीड ब्रेकर तुड़वाने की रिपोर्ट दी थी। आयोग की तरफ से कहा गया है कि अगर लखनऊ में कहीं मानक के विपरीत स्पीड ब्रेकर बना हो तो उसकी शिकायत सीधे आयोग से की जा सकती है।

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