7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मोदी की नोटबंदी ने पहले मरीजों को पहुंचाया नुकसान, अब होगा लाभ

अब नोटबंदी मरीजों के लिए खुशखबरी भी लेकर आयी है। नोटबंदी के बाद स्वास्थ्य से जुडी महँगी जांचें अब आधे दामों में उपलब्ध हो सकेंगी।

2 min read
Google source verification

image

Rohit Singh

Jan 10, 2017

narendra modi

narendra modi

लखनऊ।
केंद्र सरकार की ओर से 8 नवम्बर को नोटबंदी के बाद अस्पतालों में भर्ती
तमाम मरीजों को इलाज को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि सरकार की
ओर से अस्पतालों और इमरजेंसी सेवाओं में 500 और हजार के पुराने नोट लेने
का आदेश जारी किया था लेकिन इसके बावजूद भी प्राइवेट अस्पतालों सहित सरकारी
अस्पतालों में भी इस आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं हो सका। जिससे मरीजों
को नुकसान हुआ।

लेकिन
अब नोटबंदी मरीजों के लिए खुशखबरी भी लेकर आयी है। नोटबंदी के बाद
स्वास्थ्य से जुडी महँगी जांचें अब आधे दामों में उपलब्ध हो सकेंगी। यूपी
डायग्नोस्टिक एसोसिएशन ने तमाम तरह की जांचों की फीस 40 से 60 प्रतिशत तक
घटाई है और इसकी रेट लिस्ट भी जारी कर दी है। राजधानी के केजीएमयू और
प्राइवेट पैथोलॉजी सेंटर्स पर जांचें बराबर दाम पर होंगी।
इसके साथ
ही जल्द ही एसोसिएशन खून समेत अन्य जांचों के दाम भी घटाने जा रहा है।
एसोसिएशन की ओर से पैथोलॉजिकल जांचों के घटे शुल्क की सूची तैयार की जा रही
है। अब एमआरआई, एक्सरे, सिटी स्कैन और अल्ट्रासॉउन्ड आदि जांचों के लिए
अलग-अलग शुल्क नहीं देना पडेगा। सरकारी पैथोलॉजी की तरह निजी सेंटर्स पर भी
एमआरआई, सिटी स्कैन और एक्सरे जांच का शुल्क निर्धारित कर दिया गया है।

सूत्रों
के मुताबिक़ नोटबंदी के बाद आम आदमी के लिए ये महँगी जांचे करवाना बड़ा
मुश्किल हो रहा था। जिससे लोगों ने ये जांचें करवाना कम कर दी थी। जिससे
प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर्स को नुकसान हो रहा था। जिसके बाद एसोसिएशन की
ओर से ये फैसला लिया गया।

यूपी डायग्नोस्टिक सेंटर्स
एसोसिएशन ने 6 हजार में होने वाली एमआरआई जाँच 3500 और 2200 से 2500 रुपये
में होने वाला हेड सिटी स्कैन का शुल्क घटकर 1200 रुपये, अल्ट्रासाउड जांच
650 रुपये, डिजिटल एक्सरे एक्सपोजर 250 रुपये निर्धारित कर दिया हैं। नई
रेट लिस्ट चरक पैथोलॉजी, निदान डायग्नोस्टिक सहित तमाम बड़े पैथोलॉजी
सेंटर्स को मुहैया कराई जा चुकी है। एक एसोसिएशन पदाधिकारी का कहना है कि
नोटबंदी के बाद महंगे दामों पर जांच कराना मरीजों को मुश्किल हो रहा था।
मरीजों की दिक्कतों को ध्यान में रखकर शुल्क घटाने का निर्णय लिया गया है।