
अब तक की सबसे बड़ी खबर, मुलायम ने दिया अखिलेश को झटका, शिवपाल के लिए किया बड़ा ऐलान, पार्टी में बड़ी उलटफेर
लखनऊ. बसपा से गठबंधन को लेकर कई मौकों पर नाराजगी जता चुके सपा (Samajwadi party) संरक्षक मुलायम सिंह यादव ( Mulayam Singh Yadav) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2019) में मिली हार के बाद काफी सख्त नजर आ रहे है। वह बार-बार पार्टी कार्यकर्ताओं को सख्त हिदायत दे रहे हैं। इसके चलते अब नतीजे न मिलने पर सपा अपनी पुरानी राह पर लौटेगी। एेसा माना जा रहा है कि समाजवादी कुनबे से बिछड़े लोगों को फिर पार्टी से जोड़ा जाएगा। वहीं सपा में युवाओं के साथ ही पुराने नेताओं की राय को तवज्जो दी जाएगी। जानकारों के मुताबिक सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव चाहते हैं कि बसपा से गठबंधन, टिकट आवंटन से नाराजगी या पार्टी में उपेक्षा के चलते पार्टी से बाहर जाने वालों या अन्य कारणों से बिछड़े नेताओं को फिर पार्टी से जोड़ा जाए। वहीं माना जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव शिवपाल सिंह यादव की भी सपा में वापसी के पक्षधर हैं अौर जल्द ही उनकी वापसी करवा सकते हैं। वहीं शिवपाल यादव के करीबी सूत्रों के मुताबिक शिवपाल (Shivpal singh yadav) भी सपा में वापिस के लिए तैयार हैं। इसके लिए मुलायम सिंह यादव ने उनके पक्ष में उतर आए हैं।
मुलायम सिहं यादव का कहना है कि बाहरी से ज्यादा नुकसान अंदर के लोग करते हैं। उनके सुझावों पर कुछ हद तक अमल की तैयारी है। हार के कारणों की तह तक जाने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा। पार्टी किसानों, कमजोर वर्गों की आवाज उठाने के साथ ही सर्वग्राह्य स्वरूप बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। जल्द ही इस दिशा में कुछ कदम उठाए जाएंगे।
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बड़े बदलाव होने की तैयारी
मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश के साथ मुलायम लगातार मंथन कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि समाजवादी युवजन सभा, समाजवादी छात्रसभा, समाजवादी लोहिया वाहिनी और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के साथ ही संगठन की कई इकाइयों का नये सिरे से गठन करने पर विचार शुरू हो रहा है। पार्टी कार्यालय में अखिलेश यादव द्वारा पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह को बुलाने और नया दायित्व सौंपे जाने की भी सुगबुगाहट रही।
लोकसभा चुनाव में जब्त हो गई शिवपाल की जमानत
बता दें कि शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई। वे फिरोजाबाद से चुनाव लड़े लेकिन, शिवपाल का गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर एक लाख वोट भी हासिल नहीं कर पाए और उनकी जमानत जब्त हो गई। इसके अलावा शिवपाल यादव ने सूबे की जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, उनमें से एक भी प्रत्याशी एक लाख वोटों का आंकड़ा नहीं छू पाया।
Updated on:
02 Jun 2019 10:36 am
Published on:
01 Jun 2019 03:48 pm
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