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नगर निकाय चुनाव पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में फैसला सुर‌‌क्षित

शुक्रवार को नगर निकाय OBC आरक्षण पर कोर्ट में समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो सकी थी। कोर्ट ने आज सभी 93 याचिकाओं पर सुनवाई की और फैसले को सुरक्षित रखा।

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लखनऊ

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Anand Shukla

Dec 24, 2022

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नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण मामले में आज लखनऊ बेंच में सुनवाई पूरी हुई। इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। अब 27 दिसंबर को कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई करेगी।

24 दिसंबर से कोर्ट में ठंड की छुट्टियां हो गईं। इसके बाद भी कोर्ट नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई कर रहा है।

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आरक्षण में पिछड़ा वर्ग के साथ हो रहा अन्याय

नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर जब कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, तो सबसे पहले याचिकाकर्ता के वकील एलपी मिश्रा ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जो आरक्षण अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए किया गया है। वह राजनीतिक आधार पर किया गया है। इस आरक्षण प्रणाली से पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है।

इसके अलावा याचिकाकर्ता के वकील ने सुरेश महाजन ने जज के सामने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़ा। इसके बाद कोर्ट ने आगे की सुनवाई करना शुरू की।

ट्रिपल टेस्ट का नियम फॉलो किया है सरकार

दूसरी तरफ यूपी सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। सरकार की तरफ से दलील दी गई कि त्रिस्तरीय आरक्षण के नियम का पालन किया गया है। वहीं याचिका कर्ता के वकील ने कहा कि महिला को होरिजेंटल आरक्षण बताया । इस पर जज ने कहा कि यह इंडिविजुअल केस है। इसको अलग से सुना जाएगा, अभी सिर्फ ओबीसी आरक्षण पर बात सुनी जाएगी।

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राज्य सरकार ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि आरक्षण में ट्रिपल लेयर का फॉर्मूला अपनाया गया है। ओबीसी आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था का निकाय चुनाव में पूरी तरह से पालन किया गया है। सरकार ने कहा कि आरक्षण में किसी भी वर्ग का अहित नहीं होगा।