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नसीमुद्दीन को मिलेगा बड़ा ओहदा, बसपा के तमाम मुस्लिम नेता भी बने कांग्रेसी

यूपी के मैदान में कांग्रेस के पास मुस्लिम चेहरे का अकाल है। ऐसे में कांग्रेसी परचम थामना भविष्य के लिए सियासी नफा साबित होगा।

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लखनऊ

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Alok Pandey

Feb 22, 2018

Nasimuddin Siddiqui, BSP, Congress, Rahul Gandhi, Muslin BSP Leader, Raj Babbar, Gulam Navi Azad, Saleem Ahmad, UP Congress, DayaShanker Singh, Swati  Singh, News In hindi

लखनऊ. किसी वक्त हाथी के मजबूत महावत रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने दरअसल, सियासी गुणा-भाग लगाने के बाद कांग्रेस का परचम थामा है। बसपा से नाता टूटने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने सपा की साइकिल पर सवार होने का कई मर्तबा प्रयास किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। भाजपा के साथ उनके खराब रिश्ते जग-जाहिर हैं। इसके अलावा भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह के साथ अदावत के चलते योगी सरकार और भाजपा प्रदेश इकाई ने नसीमुद्दीन से परहेज करना उचित समझा। इसी दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने समर्थकों से सलाह-मशविरा किया तो सभी ने कांग्रेस को मुफीद बताया। तर्क दिया गया कि सपा में मुस्लिम नेताओं की फौज है, जबकि यूपी के मैदान में कांग्रेस के पास मुस्लिम चेहरे का अकाल है। ऐसे में कांग्रेसी परचम थामना भविष्य के लिए सियासी नफा साबित होगा।

तीन मीटिंग के बाद मिली बड़े ओहदे की गारंटी

नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खास समर्थक और कानपुर में बसपा का चेहरा रहे सलीम अहमद बताते हैं कि 28 दिसंबर को नसीमुद्दीन और राहुल गांधी के बीच पहली औपचारिक मुलाकात हुई। इसी दौरान कांग्रेस में शामिल होने का न्योता मिला। जनवरी के दूसरे पखबारे में हुई दूसरी मुलाकात में नसीमुद्दीन ने बड़ी जिम्मेदारी की इच्छा जताई तो राहुल गांधी ने पहले पार्टी में शामिल होने की बात कहकर मामला टाल दिया। सूत्रों के मुताबिक, नसीमुद्दीन बगैर ठोस आश्वासन कोई कदम नहीं बढऩा चाहते थे। ऐसे में उन्होंने राहुल गांधी के प्रस्ताव पर जवाब नहीं दिया तो यूपी कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने अगले दौर की वार्ता के बाद तय किया कि होली के बाद यूपी कांग्रेस के पुनर्गठन के दौरान नसीमुद्दीन को बड़ी जिम्मेदारी देंगे। गुलाम नबी और राजबब्बर से आश्वासन के बाद पिछले रविवार को राहुल गाँधी के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी की एक और मुलाकात हुई। राहुल गांधी ने भी बड़ी जिम्मेदारी का वादा किया तो नसीमुद्दीन ने कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान कर दिया।


सौ से ज्यादा नेता साथ, बसपा से मुस्लिमों को समेटा

गुरुवार को कांग्रेस में शामिल होने के साथ-साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने अपने सौ से ज्यादा खास समर्थकों को भी कांग्रेसी चोला पहना दिया। नसीमुद्दीन के साथ कांग्रेसी परचम थामने वालों में तीन पूर्व मंत्री, चार पूर्व सांसद और चार दर्जन पूर्व विधायक भी हैं। इसके अतिरिक्त कानपुर, बरेली, मेरठ से मेयर का चुनाव लड़ चुके बड़े चेहरे भी शामिल हैं। कुल मिलाकर नसीमुद्दीन ने बसपा से मुस्लिम चेहरों को बड़े पैमाने पर अलग कर लिया है।गौरतलब है कि सिद्दीकी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों और 2014 लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रभारी थे. सिद्दीकी उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में बांदा जिले के हैं। वह पार्टी के मुस्लिम चेहरे के रूप में स्थापित थे। इसी कारण पार्टी के प्रमुख मुस्लिम नेताओं से उनके सीधे और व्यक्तिगत रिश्ते हैं। कांग्रेस के शामिल होने के बाद नसीमुद्दीन ने कहा कि देश का विकास कांग्रेस ही कर सकती है।