डिजिटल दौर (Digitl Age) में भक्ति और आस्था भी डिजिटल (Digital) हो चुकी है। श्रद्धालु (Devotee) अब घर बैठे देश के बड़े मंदिरों में ऑनलाइन (Online) आरती और दर्शन की सुविधा ले रहे हैं। मगर इस दौर में उत्तर प्रदेश में माँ दुर्गा का कोई भी ऐसा मंदिर नहीं है जो भक्तों को ऑनलाइन दर्शन की सुविधा दे सके।
लखनऊ. कोरोना काल के बाद से दुनिया ऑनलाइन चीज़ों पर ज्यादा निर्भर हो गयी है। पहले भी लोग ऑनलाइन काम करते थे मगर ये ज्यादातर खरीदने और बेचने तक ही सीमित था। लेकिन कोरोना महामारी के बाद ऑनलाइन की दुनिया में व्यापक बदलाव हुआ। आज बच्चों की पढ़ाई से लेकर डॉक्टर की सलाह तक सबकुछ ऑनलाइन हो चुका है, यहां तक की आस्था भी ऑनलाइन हो चुकी है। खासकर दक्षिण भारत के मंदिरों में चढ़ावा और पूजन दर्शन ऑनलाइन हो चुका है। मंदिरों के एप्प पर दर्शन की एडवांस बुकिंग होती है। लेकिन उत्तर भारत खासकर यूपी के मंदिर इस मामले में अभी बहुत पीछे हैं। ये हाल तब है जब देवी के 51 शक्तिपीठों में से पाँच उत्तर प्रदेश में मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश में मां दुर्गा के कई बड़े और सिद्ध मंदिर हैं। कई शक्तिपीठ हैं। 51 शक्तिपीठों में शामिल इन मंदिरों को करोड़ों का दान मिलता है। लेकिन इनमें से एक भी मंदिर में ऑनलाइन दर्शन की सुविधा नहीं है। सुविधा के नाम पर ये कुछ नहीं देते। इतना ही नहीं इन मंदिरों की अपनी कोई वेबसाइट तक नहीं है जिससे श्रद्धालु आने से पहले दर्शन-पूजन की बुकिंग करा सकें।