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प्राइमरी लेवल के विषय प्राथमिक स्तर पर मदरसों में हिंदी, इंग्लिश, मैथ, साइंस, भूगोल जरूरी है। वहीं मुंशी, मौलवी यानी हाईस्कूल के बाद गणित, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल और साइंस के साथ तिब विषय विकल्प के तौर पर शामिल हैं। मौलवी में विज्ञान और गणित का विकल्प चुनने वाले छात्रों को भी कक्षा आठ के स्तर की शिक्षा दी जाती है। सरकार की कोशिश है कि मदरसा छात्रों को स्कूलों के बच्चों के बराबर शिक्षा देने के लिए जरूरी विषय की पढ़ाई कराकर उनका स्तर सुधारा जाए।यूपी में चुनाव से पहले हुआ ये बड़ा बदलाव, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लगाई फाइनल मुहर
उर्दू में होंगी किताबें
जानकारी के मुताबिक पाठ्यक्रम में सुधार के लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और अब मदरसा बोर्ड NCERT की किताबों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। इस पाठ्यक्रम में हिंदी और अंग्रेजी को छोड़ सभी विषयों की किताबें उर्दू में होंगी। सभी कक्षाओं में दीनियात की किताबें बाजार में मुश्किल से मिलती हैं, इसके चलते मदरसा बोर्ड ने दीनियात की अपनी किताबें तैयार करवाने का निर्णय लिया है।
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19 हजार से ज्यादा मदरसे
उत्तर प्रदेश में बोर्ड से मान्यता प्राप्त तहतानिया (कक्षा 1 से 5), फौकानिया (कक्षा 6 से 8) और आलिया स्तर (मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल व फाजिल) के कुल 19143 मदरसे हैं। इनमें से 560 मदरसे सरकार से अनुदानित हैं। जबकि बोर्ड से मान्यता प्राप्त 3867 मदरसे भी संचालित हैं। रजिस्ट्रार ने बताया कि आलिया स्तर के मदरसों में इस साल कुल 3,77,295 छात्र-छात्राएं शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसके अलावा तहतानिया स्तर के मदरसों में 8,33,400 फौकानिया स्तर के मदरसों में 5,87,100 छात्र शिक्षा ले रहे हैं।
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ऐसे चलते हैं मदरसे तहतानिया- कक्षा 1 से 5
फौकानिया- कक्षा 6 से 8
मुंशी-मौलवी- हाईस्कूल, यूपी सरकार की मान्यता
आलिम- इंटरमीडियट, यूपी सरकार से मान्यता
कामिल- BA, UGC की मान्यता नहीं
फाजिल- MA, UGC की मान्यता नहीं