scriptमदरसों में अब नहीं चलेगी कोई मनमानी, सीएम योगी ने किया बड़ा बदलाव! | NCERT books in UP madarsa syllabus Hindi News | Patrika News
लखनऊ

मदरसों में अब नहीं चलेगी कोई मनमानी, सीएम योगी ने किया बड़ा बदलाव!

मौलवी अब स्कूलों में पुराने तरीके से पढ़ाई नहीं करवा सकेंगे…

लखनऊOct 27, 2017 / 03:07 pm

नितिन श्रीवास्तव

NCERT books in UP madarsa syllabus Hindi News

मदरसों में अप नहीं चलेगी मनमानी, सीएम योगी ने किया बड़ा बदलाव

लखनऊ. यूपी के मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे अब अन्य स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से पीछे नहीं रहेंगे। इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर ली है। मौलवी अब स्कूलों में परंपरागत ढंग से पढ़ाई नहीं करवा सकेंगे उन्हें NCERT की किलाबों से आधुनिक पाठ्यक्रम के अनुरूप बच्चों को शिक्षा देनी होगी, जिसमें हिंदी-अंग्रेजी और साइंस जैसे विषय अहम होंगे। तैतानिया (क्लास 1 से 5) और फौकानिया (क्लास 5 से 8) तक नए सब्जेक्ट की पढ़ाई करने के बाद मदरसा बोर्ड अब आलिया या उच्च आलिया स्तर (10th और उससे ऊपर) पर भी आधुनिक विषयों को कंपलसरी करने की तैयारी कर रहा है। प्रस्ताव लागू होने के बाद मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे NCERT की किताबों से अपना भविष्य बनाएंगे।
मदरसा बोर्ड तैयार कर रहा है प्रस्ताव

मदरसों में मैथ, साइंस, कंप्यूटर, इतिहास और भूगोल पढ़ाने की प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद मदरसा बोर्ड इन विषयों को जरूरी करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। मदरसा बोर्ड के मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल में अरबी, फारसी व उर्दू, हिंदी, इंग्लिश के साथ ही सोशव साइंस, साइंस, नागरिक शास्त्र, कंप्यूटर विषय विकल्प के तौर पर पढ़ाए जा रहे हैं। हालांकि तैतानिया और फौकानिया में सरकारी स्कूलों की तरह हिंदी, इंग्लिश, मैथ आदि विषय पढ़ाए जाते हैं। लेकिन फिर भी बोर्ड तैतानिया और फौकानिया स्तर में और शैक्षणिक सुधार करने की सोच रहा है, ताकि आलिया और उच्च आलिया स्तर पर आधुनिक विषयों को अनिवार्य करने पर छात्रों को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
यह भी पढ़ें

नहीं देखा होगा ऐसा डीएम, जो खेत में पहुंच गया करने को काम

प्राइमरी लेवल के विषय

प्राथमिक स्तर पर मदरसों में हिंदी, इंग्लिश, मैथ, साइंस, भूगोल जरूरी है। वहीं मुंशी, मौलवी यानी हाईस्कूल के बाद गणित, सामाजिक विज्ञान, इतिहास, भूगोल और साइंस के साथ तिब विषय विकल्प के तौर पर शामिल हैं। मौलवी में विज्ञान और गणित का विकल्प चुनने वाले छात्रों को भी कक्षा आठ के स्तर की शिक्षा दी जाती है। सरकार की कोशिश है कि मदरसा छात्रों को स्कूलों के बच्चों के बराबर शिक्षा देने के लिए जरूरी विषय की पढ़ाई कराकर उनका स्तर सुधारा जाए।
यह भी पढ़ें

यूपी में चुनाव से पहले हुआ ये बड़ा बदलाव, सीएम योगी आदित्यनाथ ने लगाई फाइनल मुहर


उर्दू में होंगी किताबें
जानकारी के मुताबिक पाठ्यक्रम में सुधार के लिए सरकार से मंजूरी मिल चुकी है और अब मदरसा बोर्ड NCERT की किताबों को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करेगा। इस पाठ्यक्रम में हिंदी और अंग्रेजी को छोड़ सभी विषयों की किताबें उर्दू में होंगी। सभी कक्षाओं में दीनियात की किताबें बाजार में मुश्किल से मिलती हैं, इसके चलते मदरसा बोर्ड ने दीनियात की अपनी किताबें तैयार करवाने का निर्णय लिया है।
यह भी पढ़ें

जो सरकारी शिक्षक पास नहीं हैं टीईटी, अब उनकी नौकरी पर भी खतरा!


19 हजार से ज्यादा मदरसे

उत्तर प्रदेश में बोर्ड से मान्यता प्राप्त तहतानिया (कक्षा 1 से 5), फौकानिया (कक्षा 6 से 8) और आलिया स्तर (मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल व फाजिल) के कुल 19143 मदरसे हैं। इनमें से 560 मदरसे सरकार से अनुदानित हैं। जबकि बोर्ड से मान्यता प्राप्त 3867 मदरसे भी संचालित हैं। रजिस्ट्रार ने बताया कि आलिया स्तर के मदरसों में इस साल कुल 3,77,295 छात्र-छात्राएं शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसके अलावा तहतानिया स्तर के मदरसों में 8,33,400 फौकानिया स्तर के मदरसों में 5,87,100 छात्र शिक्षा ले रहे हैं।
यह भी पढ़ें

मायावती को पप्पी और झप्पी दे रहे थे संजय दत्त , अश्लील हरकत के चक्कर में बहुत बुरा फंसे!


ऐसे चलते हैं मदरसे

तहतानिया- कक्षा 1 से 5
फौकानिया- कक्षा 6 से 8
मुंशी-मौलवी- हाईस्कूल, यूपी सरकार की मान्यता
आलिम- इंटरमीडियट, यूपी सरकार से मान्यता
कामिल- BA, UGC की मान्यता नहीं
फाजिल- MA, UGC की मान्यता नहीं
यह भी पढ़ें

खाल खिंचवाने वाली सांसद ने अब इस IAS पर लगाए गंभीर आरोप, सीएम योगी पर भी किया खुलासा!

तैतानिया और फौकानिया का पाठ्यक्रम

कुरान करीम, दीनियात व खिलाफियात, उर्दू, गणित, सामाजिक विज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेलकूद, पीटी, विज्ञान और हिंदी।

यह भी पढ़ें

इस मंदिर में पीएम मोदी की एंट्री पर रोक, ईमानदार सीएम योगी के लिए खुले हैं दरवाजे!

मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल का पाठ्यक्रम

मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल में कुरान, हदीस, इस्लामी इतिहास, उर्दू अदब, सामान्य हिंदी, सामान्य अंग्रेजी अनिवार्य विषय के तौर पर शामिल हैं। विकल्प के तौर कंप्यूटर, सामाजिक विज्ञान, टाइपिंग, विज्ञान, गृह विज्ञान, गणित, तिब यानी वैकल्पिक चिकित्सा है।

Home / Lucknow / मदरसों में अब नहीं चलेगी कोई मनमानी, सीएम योगी ने किया बड़ा बदलाव!

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो