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अंबेडकर 3 तो नेहरु चाहते थे 4 हिस्सों में बंट जाए यूपी, आखिर फिर क्यों तेज़ हुई सियासत

उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारे में प्रदेश के बंटवारे को लेकर गहमागहमी है। केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के बयान पर सियासत गरमा गई है। उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की बात कही है।

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लखनऊ

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Prateek Pandey

Oct 04, 2023

Nehru wanted 4 and Ambedkar wanted UP to be divided into 3 parts

अलग अलग समय पर अलग अलग हिस्सों में प्रदेश को बांटने का रहा है प्रस्ताव

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश के बंटवारे की बात की जा रही है। आज के 23 साल पहले भी यूपी का एक बार बंटवारा हो चुका है जब यूपी से अलग होकर उत्तराखंड बना था। नेताओं के बीच यूपी के बंटवारे को लेकर सियासत आज नई नहीं है, इसके पहले नेहरू-अंबेडकर भी इसके पक्षधर थे।

नेहरू-अंबेडकर थे बंटवारे के पक्षधर
1947 में जब भारत आजाद हुआ तो राज्यों के बंटवारे पर काम शुरू हुआ। कई आयोग बनाए गए जैसे कृष्ण धर आयोग, 'जेवीपी आयोग' और सबसे अंत में बना राज्य पुनर्गठन आयोग। इस आयोग के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उत्तर प्रदेश के बंटवारे का पक्ष लिया था।

लोकसभा में रखी थी बंटवारे की बात
नेहरू ने लोकसभा में कहा था, 'मैं व्यक्तिगत रूप से इस बात से सहमति रखता हूं कि उत्तर प्रदेश का बंटवारा किया जाना चाहिए। इसे चार राज्यों में बांटा जा सकता है। हालांकि, मुझे संदेह है कि कुछ साथी मेरे विचार को शायद ही पसंद करेंगे। हो सकता है कि मुझसे उलट राय रखने वाले साथी इसके लिए दूसरे राज्यों के हिस्सों को शामिल करने की बात कहें।'

अंबेडकर ने भाषाई आधार पर बांटने की रखी थी बात
1955 में आई किताब 'थॉट्स एंड लिंग्विस्टिक स्टेट्स' में डॉ. बीआर अंबेडकर भाषाई आधार पर राज्यों के बंटवारे पर बात रखी थी। इसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटने की बात कही थी। इसके लिए उन्होंने ये तर्क दिए थे।

1. इससे प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी।
2. राजव्यवस्था पर इतने बड़े राज्य के असमान प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
3. अल्पसंख्यकों की बेहतर सुरक्षा हो सकेगी।


केएम पणिक्कर ने जाहिर की असहमति
आयोग के एक सदस्य केएम पणिक्कर ने इस पर असहमति जताई। उन्होंने उत्तर प्रदेश के इतने बड़े आकार के कारण पैदा होने वाले असंतुलन को लेकर असहमति जाहिर की थी। उनका मानना था कि कि संविधान की सबसे बड़ी और मूलभूत कमजोरी किसी एक राज्य विशेष और बाकी राज्यों के बीच 'व्यापक असमानता' का होना है।

मायावती नें दिया था प्रस्ताव
2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सीएम बीएसपी चीफ मायावती ने यूपी के बंटवारे का प्रस्ताव पास किया। मायावती ने राज्य को 4 भाग में बांटने की बात रखी थी। पूर्वी यूपी को पूर्वांचल, पश्चिमी यूपी को पश्चिमी प्रदेश, दक्षिणी यूपी को बुंदेलखंड, और मध्य यूपी को अवध प्रदेश में बांटने का प्रस्ताव बनाया था।

कुल मिलकर प्रदेश को बांटने की यह जद्दोजहत काफी पुरानी है। पश्चिमी यूपी को अलग बनना चाहिए वाली बलियान के बयान पर पलटवार करते हुए संगीत सोम के बयान ‘पश्चिमी यूपी अलग राज्य बना तो ये मिनी पाकिस्तान बन जाएगा’ ने तूल पकड़ लिया है।