
इन साठ बच्चों को दिलाया गया स्कूल में एडमिशन, अब ये भी भरेंगे सपनों की उड़ान
लखनऊ. शुक्रवार को बदलाव संस्था के बदलाव पाठशाला द्वारा शिक्षा से वंचित एव बाल भिक्षावृत्ति से जुड़े बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए स्कूल चलो अभियान रैली निकाली गई। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और बदलाव संस्था के संयुक्त प्रयास से अल्प सुविधा प्राप्त क्षेत्र के शिक्षा से वंचित व अशिक्षित लोगों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उच्च शिक्षा प्रसार अभियान रैली का आयोजन मनकामेश्वर उपवन के निकट स्थित झुग्गी बस्ती डालीगंज से प्रारंभ कर प्राथमिक विद्यालय बरौलिया प्रथम डालीगंज तक किया गया।
साठ बच्चों का कराया पंजीकरण
शिक्षा से वंचित व बाल भिक्षावृत्ति से जुड़े 60 बच्चों का पंजीकरण इस दौरान प्राथमिक विद्यालय में कराया गया। साथ ही प्राथमिक विद्यालय को आदर्श विद्यालय बनाये जाने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह, सहायक क्षेत्रीय निदेशक डॉ कीर्ति विक्रम सिंह, क्षेत्रीय पार्षद रेखा रौशनी, रणजीत सिंह, डॉ राकेश वर्मा, बदलाव संस्था के संस्थापक शरद पटेल, सचिव महेंद्र प्रताप, उपाध्यक्ष वीरेंदर कुमार वर्मा, दिवाकर सिंह, मोहम्मद अखतरुल इस्लाम, शुभम सिंह चौहान व अन्य कार्यकर्ता समुदाय के साथी तथा 60 बच्चे इस रैली में शामिल हुए।
शिक्षा और प्रशिक्षण की जरुरत पर जोर
इग्नू की क्षेत्रीय निदेशक डॉ मनोरमा सिंह ने बताया कि रैली का उद्देश्य अल्प सुविधा प्राप्त क्षेत्र में रहने वाले शिक्षा से वंचित व भिक्षावृत्ति से जुड़े लोगों को जागरूक करके उच्च शिक्षा के प्रति जागरूक करना है। इसके साथ ही इग्नू द्वारा चलाये जा रहे अकादमिक व व्यावसायिक कोर्सों के बारे में भी उन्होंने विस्तृत जानकारी दी। बताया कि इग्नू में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाती के अभ्यर्थियों के लिए सभी कोर्स निशुल्क है। सहायक निदेशक डॉ कीर्ति विक्रम सिंह ने इग्नू के प्रवेश प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षा ग्रहण करने कि कोई उम्र सीमा नहीं होती। इग्नू के कई व्यावसायिक कोर्सों, जैसे मधुमक्खी पालन सहित कई अन्य कोर्सों में प्रवेश लिया जा सकता है।
समाज से जिम्मेदारी निभाने की अपील
बदलाव संस्था के संस्थापक शरद पटेल ने कहा कि बदलाव संस्था शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य एव मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान है लेकिन इसके बावजूद बाल भिक्षावृत्ति व बाल श्रम जैसे कार्यों में बड़ी संख्या में बच्चे लिप्त हैं। इन बच्चों को शिक्षा से जोड़कर समाज की मुख्यधारा में लाना सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है ।
Published on:
06 Jul 2018 07:56 pm
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