
सीएम योगी को 125 किलो साबुन गिफ्ट करने से रोका था अब देना होगा डीजीपी को जवाब
लखनऊ. यहां एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सीएम योगी आदित्यनाथ पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं, यहा मामला दलितों से जुड़ा है। वहीं इस मामले ने डीजीपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जुलाई 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ को 125 किलोग्राम का साबुन देने गुजरात से 43 लोग लखनऊ आ रहे थे इसी दौरान झांसी में पुलिस ने इन लोगों को रोक दिया। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने एक साल बाद 6 जुलाई 2018 को डीजीपी को मानवाधिकार उल्लंघन की जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। एनएचआरसी ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह को एक नोटिस जारी करते हुए आठ सप्ताह के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है।
मिला अल्टीमेटम
बतादें कि 30 मई 2017 को सीएम योगी आदित्यनाथ कुशीनगर के मुसहर टोला गांव दौरे पर गए थे। बताया जाता है कि जब योगी वहां पहुंचे उससे पहले अधिकारियों ने गांव के दलितों को साबुन-शैंपू बांटे थे। उन्हें सीएम योगी से मिलने से पहले नहाने को कहा गया था। दलितों के इस अपमान के विरोध में गुजरात से योगी आदित्यनाथ को 125 किलो का साबुन गिफ्ट करने ४३ लोग लखनऊ जा रहे थे इसी दौरान इन लोगों को झांसी रेलवे स्टेशन पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
ये लोग गुजरात की दलित कम्युनिटी से थे।
दलितों के इस अपमान के विरोध में योगी आदित्यनाथ को 125 किलो का साबुन गिफ्ट करने जा रहे 43 लोगों को पुलिस ने झांसी रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया था। इनमें 13 महिलाएं भी शामिल थीं। ये सभी लोग गुजराज से लखनऊ आ रहे थे। ये लोग गुजरात की दलित कम्युनिटी से थे।
समिति के नट्टू परमार का कहना है कि सभी ४३ लोग शांतिपूर्वक यात्रा कर रहे थे। इनके प्रति पुलिस का व्यवहार काफी गलत था, हमे खुशी है कि एनएचआरसी ने हमारी शिकायत पर ध्यान दिया। ६ जुलाई को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी के डीजीपी को मानवाधिकार नियमों के उल्लंघन की जांच सौंपने का निर्देश दिया है। आयोग ने आठ सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने का अल्टीमेटम दिया है।
पुलिस ने अवैध रूप से हिरासत में रखा
एनएचआरसी से शिकायत में परमार ने कहा था कि पुलिस ने उन्हें 12 घंटे से अधिक समय तक अवैध रूप से हिरासत में लिया है, उन्होंने ऐसा क्यों किया इसका कारण नहीं बताया और न ही पुलिसकर्मियों ने इस संबंध में उनके रिश्तेदारों को सचित किया। बतादें कि जो साबुल सीएम को गिफ्ट किया जाना था वह 125 किलो का था और इसकी लंबाई तीन फीट थी। संगठन ने इस साबुन को बनाने के लिए एक हजार महिलाओं से दस-दस रुपए जुटाए थे। इस साबुन को बनाने के लिए तीन हजार 25 रुपए का कलेक्शन किया गया और इन्हीं रुपयों से दस दिन में 125 किलो का साबुन बनाया गया, जिसे गिफ्ट करने के लिए 43 लोग गुजरात से लखनऊ आ रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें झांसी में ही हिरासत में ले लिया।
Published on:
14 Jul 2018 01:49 pm
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