डा. त्रिपाठी ने बताया कि बुधवार एक जुलाई से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो रहा है । इसके तहत सभी प्रथम पंक्ति कार्यकर्ता को यह निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी घर के दरवाजे और कुण्डी को छुए बगैर लोगों को संचारी रोगों से बचाव के उपाय, लक्षण , उपचार तथा निकटतम स्वास्थ्य केंद्र के विषय में जागरूक करेंगी । इस बार आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्लाइड नहीं बनायेंगी बल्कि सम्बंधित व्यक्ति को स्वास्थ्य केंद्र भेजकर स्लाइड बनवाई जायेगी । आशा कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दिए गए हैं कि बुखार या कोरोना के समान लक्षणों वाले मरीजों के बारे में तुरंत स्वास्थ्य केंद्र को सूचित करें साथ ही बाहर से आये लोगों को प्राथमिकता से देखें ।
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि वायरल बुखार मुख्यतः बदलते मौसम के कारण होता है । अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर हम इससे बच सकते हैं । वायरल बुखार के मुख्य लक्षण हैं- खांसी, जुकाम, गले में दर्द, बुखार, जोड़ों में दर्द, उलटी तथा दस्त , जबकि मलेरिया में सर्दी और कंपकपी के साथ में एक दिन छोड़कर बुखार आता है । तेज बुखार और सिर दर्द होता है । बुखार उतरने पर पसीना आता है । कमजोरी महसूस होने के साथ उलटी आती है । डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि डेंगू में तेज बुखार के साथ सिर , पीठ और जोड़ों में दर्द होता है । आँखें लाल हो जाती हैं । हथेली और पैर लाल होने लगते हैं । गंभीर स्थिति में नाक और मसूड़ों से खून भी आने लगता है।
बरसात के मौसम में पानी के भराव के कारण मच्छर अधिक होते हैं इसलिए घर व् आस-पास साफ़-सफाई रखें , पानी न इकठ्ठा होने दें । पूरी बांह के कपड़े पहने । मच्छररोधी क्रीम लगायें । घर का ताजा व अच्छे से पका हुआ खाना खाएं । साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल व सब्जियों का सेवन करें । इन सबके साथ इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि बेवजह घर से बाहर न निकलें । अगर घर से निकलते हैं तो मास्क अवश्य लगायें । सार्वजनिक स्थानों पर 2 गज की दूरी बनाकर रखें। बार-बार चेहरे को न छुएं ।