
OM Prakash Rajbhar
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर ने एक नया खुलासा किया, जिसने भी सुना वह ही आश्चर्यचकित रह गया। ओम प्रकाश राजभर ने कहाकि, उन्हें पहले चरण के बाद ही उनकी हार का एहसास हो गया था, लेकिन उन्होंने चुप रहना चुना, एक डॉक्टर की तरह, जो एक मरीज के परिवार को कभी नहीं बताता कि वह मरने वाला है, लेकिन वह वास्तव में मर जाता है। राजभर ने कहा कि गठबंधन मतदाताओं के दिमाग को पढ़ने में विफल रहा है। मैं उस समय हारने की बात कैसे कर सकता था, क्योंकि 6 चरण और बाकी थे। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सुप्रीमो ओम प्रकाश राजभर ने संवाददाताओं से कहा, हम अपने प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे और पता लगाएंगे कि हम असफल क्यों हुए। सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बस्ती, अंबेडकर नगर और जौनपुर जैसे जिलों में उन सीटों पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया जहां एसबीएसपी जमीनी स्तर पर कई साल से काम कर रही थी।
सपा गठबंधन की हार के लिए बसपा जिम्मेदार
ओम प्रकाश राजभर ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर भी हमला किया और इसे सपा गठबंधन की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। राजभर ने कहा कि हालांकि बसपा एक राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन एसबीएसपी ने बेहतर प्रदर्शन किया है और पूर्व की तुलना में एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से दूसरी बार जीते जबकि उनके बेटे अरविंद राजभर वाराणसी की शिवपुर सीट से भाजपा के अनिल राजभर से हार गए।
एसबीएसपी 6 सीटों पर जीती
एसबीएसपी ने 2017 के चुनावों से अपने प्रदर्शन में सुधार किया और उसने जिन 19 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 6 सीटों पर जीत हासिल की। 2017 के चुनावों में एसबीएसपी ने भाजपा के साथ गठबंधन में चार सीटें जीतीं। ओम प्रकाश राजभर ने पूछा कि हमने छह सीटें जीती हैं और बसपा ने केवल एक जीती है। बसपा भाजपा को जीत दिलाने के लिए काम कर रही है और ऐसा करने में पार्टी केवल एक सीट तक सीमित हो गई है। बाबासाहेब का मिशन कहां है?
भाजपा 255 सीटों पर विजयी
भाजपा 255 सीटों के साथ विजयी हुई और समाजवादी पार्टी (सपा) 111 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। एसबीएसपी, रालोद, एडी(के) और एनसीपी के साथ समाजवादी पार्टी के गठबंधन सहयोगियों में से एक था।
Published on:
13 Mar 2022 03:45 pm
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