वोट के लिए गुमराह करना बंद करे सरकार राजभर ने कहा कि जब दो साल पहले वह भाजपा सरकार में शामिल थे, तब भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने और तब पार्टी के अध्यक्ष रहे अमित शाह ने उनसे कहा था कि लोकसभा चुनाव से छह माह पूर्व सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इससे स्पष्ट है कि उपचुनाव के मद्देनजर सरकार एक बार फिर वोट लेने के लिए अतिपिछड़ी जातियों को गुमराह कर रही। सरकार को वोट के लिए अतिपिछड़ों, अतिदलितों और वंचितों को गुमराह करना बंद करना चाहिए।
अति पिछड़ा और अति दलित वर्ग को मिलेगा कोटे में कोटा गौरतलब है कि सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट को लागू करने के लिए शासन स्तर पर सहमति बन गई है। जल्द ही इस प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा। समाज कल्याण विभाग मसौदा बना रहा है। इससे अनुसूचित जाति/जनजाति औओर अन्य पिछड़ा वर्ग की उन जातियों को आरक्षण का लाभ मिलेगा, जो अब तक आरक्षण के लाभ से वंचित रहे। अनुसूचित जाति/जनजाति को मिलने वाले आरक्षण को दो हिस्सों में बांटने की तैयारी है। यह 10 और 11 फीसदी के हिस्सों में बांटा जाएगा। वहीं, ओबीसी आरक्षण को 7, 11 और 9 के तीन भागों में बांटा जाएगा। अति पिछड़ा और अति दलित वर्ग को अब कोटे में कोटा मिल सकता है।
बता दें कि योगी सरकार ने पिछले साल सामाजिक न्याय समिति गठित की थी। पिछले साल दिसंबर में समिति ने रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट के आधार पर अधिक पिछड़ा वर्ग की जातियों को 11 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई थी। इनमें गुज्जर, लोधा, कुशवाहा, शाक्य, तेली, साहू, सैनी, माली आदि जातियां शामिल हैं। वहीं, अत्यधिक पिछड़ी जातियों को 9 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही थी। इनमें घोषी, कुरैशी, राजभर, बिंद जैसी जातियां शामिल हैं।