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लखनऊ. शुक्रवार को ओपी सिंह पुलिस महानिदेशक के पद से सेवानिवृत हो गए। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर पीवी रमाशास्त्री समेत तमाम पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में ओपी सिंह ने पारंपरिक रैतिक परेड में सलामी ली। अपनी सेवाकाल समाप्ति के दौरान ओपी सिंह ने सभी का शुक्रिया अदा किया। साथ ही पुलिस महानिदेशक पीएसी और पुलिस आयुक्त लखनऊ समेत सभी पुलिसकर्मियों को बधाई दी। रैतिक परेड की सलामी के बाद ओपी सिंह ने कहा कि इस पल में अच्छा और बुरा दोनों लग रहा है। अच्छा इसलिए, क्योंकि पिछले दो साल तक कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम किया। बुरा इसलिए, क्योंकि डीजीपी के पद से विदा ले रहा हूं। उधर, ओपी सिंह की रिटायरमेंट के बाद 1985 बैच के आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी कार्यकारी डीजीपी नियुक्त किए गए। साफ छवि के अफसरों में गिने जाने वाले हितेश चंद्र अवस्थी करीब 14 वर्ष तक सीबीआई में तैनात रहे हैं।
ओपी सिंह ने कहा यूपी पुलिस के लिए बीता वर्ष ऐतिहासिक उपब्धियों से भरा रहा है। लोगों की इस विभाग से समाज की अपेक्षाएं प्रतिदिन बढ़ रहीं हैं। हमे जनता के इस विश्वास को कायम रखकर अपनी आगे की नींव को स्थापित करना है।
पुलिस कमिश्नरों को किया धन्यवाद
कमिश्नर प्रणाली में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर के चुने गए कमिश्नरों को ओपी सिंह ने बधाई दी। उन्होंने दोनों पुलिस कमिश्नरों को धन्यवाद दिया और कहा कि आशा करता हूं कि वो हमारी कसौटियों पर खरे उतरेंगे।
कार्यकाल के दौरान बताईं उपलब्धियां
विदाई समारोह में पुलिस फोर्स ने ओपी सिंह को आखिरी सलामी दी। पारंपरिक तरीके से मिली सलामी पर ओपी सिंह ने कहा कि 37 साल की सेवा के उपरांत कई चुनौतियों का सामना किया। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यकाल में हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में भी बताया। ओपी सिंह ने कहा उनके डीजीपी रहते एकीकृत आपात सेवा 112 का शुभारंभ किया गया। अमेरिका जैसे विकसित देश को पछाड़ते हुए विश्व मे इसे तीसरा स्थान मिला। साइबर क्राइम अगेंस्ट वीमेन में बड़ा काम किया, ई कोर्ट का शुभारंभ हुआ, ट्वीटर पर 7000 एफआईआर हुईं, 62वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट हुई, साईबर अपराध के लिए साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन के लिए वर्कशॉप हुई। इसके अलावा ओपी सिंह ने कानून व्यवस्था में बेहतर प्रदर्शन की भी बात कही। उन्होंने कहा कानून व्यवस्था के क्षेत्र में, कुम्भ और अयोध्या प्रकरण के समय पुलिस की सराहना हुई। पॉक्सो में ऐतिहासिक समय मे अपराधियों को सजा दिलाई। दुष्कर्म से जुड़े अपराध पर नियंत्रण पाने की कोशिशें भी कामयाब रहीं, जिसका नतीजा रहा कि बलात्कार के मामलों में 28 प्रतिशत कमी आई।
चुनौतियों पर आगे भी खरा उतरना है
ओपी सिंह ने कहा कि वे आगे भी चुनौतियों पर खरा उतरना चाहते हैं। पुलिस परिवार के लिए ज्यादा से ज्यादा कर सकूं, यही मेरी तमन्ना है। 37 वर्षों के इस पुलिस कार्य के दौरान बहुत उतार चढ़ाव और सुख दुख देखा है। यूपी पुलिस बल एक चैलेंजिंग बल है। किसी को चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए।
फर्रुखाबाद घटना चुनौतीपूर्ण अवसर
फर्रुखाबाद में 24 बच्चों के बंधक जाने की घटना पर ओपी सिंह ने कहा कि वह बहुत ही चुनौतीपूर्ण अवसर था। किसी बच्चे का हित न हो इसके लिए काम किया। सभी बच्चों को सकुशल बाहर निकालना हमारी और टीम जिम्मेदारी थी।
इस रस्म से दी जाएगी विदाई
डीजीपी को विदाई देने की कुछ रस्मे हैं। डीजीपी को किंग्सवे डॉज विंटेज में विदाई दी जाती है। रिटायरमेंट के वक्त डीजीपी इसमें अपना आखिरी सफर करते हैं। किंग्सवे कार पुलिस महकमे की सबसे पुरानी कार है। कार को 1956 में एसएसपी लखनऊ के नाम से 61 हजार में खरीदी थी। परंपरा के मुताबिक डीजीपी राजधानी के पुलिस लाइन में आखिरी सलामी लेते हैं। सलामी के बाद रिटायर हो रहे डीजीपी एक खास कार में बैठकर घर जाते हैं। सबसे खास बात यह है कि इस कार को पुलिस के जवान और अधिकारी रस्सों के सहारे खींचते हैं।
कुंभ के सफल आयोजन पर मिला सम्मान
23 जनवरी, 2018 को यूपी डीजीपी का पदभार संभालने वाले ओपी सिंह सेवानिवृत होने वाले 58वें डीजीपी हैं। ओपी सिंह को लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली बनवाने का श्रेय जाता है। उन्हें कुंभ और लोकसभा चुनाव में सफल आयोजन पर सम्मान मिला है। साथ ही अयोध्या मामले में शांति व्यवस्था बनाए रखने का भी श्रेय है।
Updated on:
31 Jan 2020 01:02 pm
Published on:
31 Jan 2020 12:16 pm
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