
बिजली दर बढ़ाने पर विपक्ष के निशाने पर योगी सरकार
लखनऊ. पेट्रोल डीजल के रेट में बढ़ोतरी के बाद उत्तर प्रदेश में अब बिजली दरें (Electricity Rates) महंगी हो गई हैं। शहर से लेकर गांव तक में बिजली दरों में इजाफा हुआ है। महंगी बिजली को लेकर प्रदेश सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर थी। ऐसे में बिजली दरों में बढ़ोतरी कर उसे आम आदमी के लिए और महंगा कर देने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने योगी सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि महंगी बिजली की मार से योगी सरकार जनता की जेब काटने में लगी है।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि पहले पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाए और अब महंगी बिजली की मार से उप्र की सरकार आम जनता की जेब काटने में लगी है। क्यों? खजाने को खाली करके भाजपा सरकार अब वसूली जनता पर महंगाई का चाबुक चला कर रही है।
बिजली दर बढ़ाने पर पुनर्विचार करे सरकार: मायावती
इससे पहले बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने भी बिजली दरों को बढ़ाने के प्रदेश सरकार के फैसले को जनविरोधी बताया था। उन्होंने सरकार को इस पर पुनर्विचार करने की सलाह दी। मायावती ने कहा कि बिजली दरों में इजाफा करने पर प्रदेश की करोड़ों खासकर मेहनतकश जनता पर महंगाई का बोझ और बढ़ेगा। इससे उनका जीवन और भी कष्ट और त्रस्तदायी होगा। इसलिए सरकार को बिजली दर बढ़ाने पर पुनर्विचार करना चाहिए।
सपा ने भी किया विरोध
बिजली दरों में बढ़त पर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। मायावती और प्रियंका के अलावा समाजवादी पार्टी ने भी प्रदेश की योगी सरकार का विरोध किया। समाजवादी पार्टी के ट्वविटर पर किए गए ट्वीट में कहा गया कि त्रस्त गरीब, मध्य वर्ग और किसान को अब बिजली बिल के नाम पर 500 रुपये अधिक चुकाने होंगे। इस आर्थिक अत्याचार का जवाब भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में वोटर रिवर्स करेंट के झटके से देंगे।
सपा-बसपा के पापों को झेल रही जनता
यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) ने मायावती के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि यह सपा-बसपा के पाप रहे कि भ्रष्टाचार बढ़ता गया और बिजली कंपनियां घाटे में चली गईं। सपा-बसपा के कार्यकाल में सिर्फ दरें बढ़ती थीं। भाजपा के कार्यकाल में दरें कम और बिजली आपूर्ति के घंटे ज्यादा बढ़े हैं। सरकार ने बढ़ती दरों से गरीब को मुक्त रखा है। पूर्व की सरकारों की आर्थिक अनियमितताओं के चलते मजबूरी के कारण कुछ श्रेणियों की बिजली दरों में आंशिक बढ़ोतरी करनी पड़ी है।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब जिलों को 24, तहसील को 20 और गांव को 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है। पूर्व की सरकारों में कोई रोस्टर नहीं था। सिर्फ कुछ ही जिलों में बिजली नसीब होती थी। 2016-17 में पीक डिमांड 16,500 मेगावाट थी, जिसे पूर्व सरकार पूरा नहीं कर पाई। अब 21,950 मेगावाट की डिमांड पूरी हो रही है। ग्रिड की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
इतनी महंगी हुई बिजली
नई बिजली दरों के तहत घरेलू बिजली दरें 12 फीसदी, शहरी क्षेत्र में बिजली दरें 15 फीसदी और औद्योगिक क्षेत्र में 10 फीसदी की बढ़त हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में फिक्स चार्ज 400 से बढ़ाकर 500 कर दिया गया है।
Published on:
04 Sept 2019 01:17 pm
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