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अनिल के अंकुर
लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर काबू पाना चाहती है। नौकरशाही को कसना चाहती है। इसलिए 50 से ज्यादा उम्र वाले नकारा अफसरों की छंटनी कर रही है। विभागीय स्क्रीनिंग कमेटी कामचोर और भ्रष्ट अफसरों को खंगाल रही है। अब तक 2700 से ज्यादा कर्मचारियों और अधिकारियों को चिह्नित किया जा चुका है। इसमें परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, आवास विभाग, नगर विकास विभाग और पीसीएस, आईएएस व पुलिस अधिकारी व अन्य विभागों के कर्मचारी शामिल हैं। हालांकि सरकार की इस पूरी कवायद का कर्मचारी और अधिकारी संगठन जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार की गलत नीतियों का जमकर विरोध किया जाएगा।
ताजा जानकारी के मुताबिक यूपी में परिवहन विभाग और परिवहन निगम के 775 लोगों को चिह्नित किया गया है। उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत देने की तैयारी है। विभागीय स्क्रूटनी के बाद शासन स्तर पर स्कू्रटनी का काम शुरू हो गया है। परिवहन निगम की स्क्रूटनी में करीब 96 दर्जन कंडक्टर-ड्राइवरों के नाम भी शामिल हैं। प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही है जो विभाग में अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पा रहे थे। उन सबके खिलाफ शासन की मंशा के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
लोक निर्माण में भी नकारे
लोक निर्माण विभाग ने अपने यहां के अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंताओं की सूची तैयार की है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी की सूची में गैर तकनीकी कर्मचारियों और अधिकारियों की भी संख्या काफी ज्यादा है जो कामचोर की श्रेणी में चिन्हित किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग में अधिकारियों ने इस स्कू्रटनी के लिए एक प्रकोष्ठ बना रखा है। उसकी निगरानी प्रमुख सचिव स्तर पर की जा रही है। यहां करीब 700 लोगों को सूचीबद्ध किया गया है। उन सब पर जल्द ही कार्रवाई संभावित है।
हर विभाग की सूची तैयार
सिंचाई विभाग में पचास साल के ऊपर के नकारा कर्मचारियों और अधिकारियों को रिटायर करने की तैयारी अंतिम चरण में है। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने 249 कर्मचारियों की सूची बनाई है। इसमें अभियंताओं की संख्या 39 से ज्यादा है। बाकी अन्य श्रेणी और संवर्ग के कर्मचारी हैं। इसी प्रकार आवास विभाग ने पूरे प्रदेश के प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद से बेकार कर्मचारियों और अधिकारियों की स्कू्रटनी कराई है। आवास विभाग और विकास प्राधिकरणों में अब तक 150 कर्मचारियों को छांटा गया है। नगर विकास विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के नामों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
पीपीएस अफसरों पर लटकी तलवार
सूत्रों के अनुसार पीपीएस संवर्ग के करीब छह अधिकारियों को भी अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। यह बात अलग है कि इस पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है, लेकिन स्क्रूटनी के लिए हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इसके अलावा 50 साल से अधिक उम्र वाले पीपीएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर लिया गया है। इस संवर्ग के 434 अधिकारियों के सर्विस रिकॉर्ड की छानबीन पूरी कर ली गयी है। बैठक में 118 एएसपी और 316 पुलिस उपाधीक्षकों के चरित्र को लेकर विभाग में लंबी बहस हुई है। इन पर जल्द ही गाज गिर सकती है
इसके अलावा पुलिस अधिकारियों की सार्वजनिक छवि, अनुशासनहीनता संबंधी शिकायतों और प्रतिकूल प्रविष्टि की स्थिति का अध्ययन किया गया है। यहां भी करबी 400 से अधिक उन अधिकारियों को चिह्नित किया जाना है, जो 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं। प्रमुख सचिव गृह अरविन्द सिंह ने कहा है कि स्कू्रटनी के बाद इसका विधिक स्थिति पर भी अध्ययन किया जाएगा और फिर उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई की जाएगी
कामचोर अधिकारियों और कर्मचारियों की स्कू्रटनी की जा रही है। इसके बाद लिस्ट कीविधिक स्थिति पर भी अध्ययन किया जाएगा और फिर उसके बाद कामचोर और भ्रष्ट लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
अरविन्द सिंह, प्रमुख सचिव गृह, उत्तर प्रदेश
शासन की मंशा के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद ऐसे लोगों की सूची बनाई जा रही है जो विभाग में अपनी उपयोगिता साबित नहीं कर पा रहे थे। इनके खिलाफ शासन की मंशा के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
आराधना शुक्ला,प्रमुख सचिव परिवहन उप्र
Published on:
03 Nov 2017 06:58 pm
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