24 अप्रैल से पहले मतदान और अप्रैल के आखिरी सप्ताह में मतगणना किये जाने की उम्मीद जतायी जा रही है। इन चुनावों के ठीक बाद जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाॅक प्रमुख के चुनाव भी कराए जाने हैं। इनके लिये 21 दिन चाहिये, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा इसे भी 15 मई तक पूरा कराने की तैयारी है। राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commission) अगले सप्ताह वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करेगी।
15 तक पूरी होगी आरक्षण की प्रक्रिया
पंचायत चुनाव के लिये सरकार ने आरक्षण (Reservation) की तस्वीर भले ही साफ कर दी हो, लेकिन अभी ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्यों के वार्ड के आरक्षण आवंटन बाकी है। आरक्षण की प्रक्रिया तय सीमा 15 तक पूरी होनी है। पर निवार्चन आयोग चुनावों की अधिसूचना एक सप्ताह बाद ही जारी करेगा।
यूपी बोर्ड परीक्षा से मतदान
एक तरफ हाईकोर्ट का आदेश और दूसरी ओर यूपी बोर्ड परीक्षाएं। इनको देखते हुए आयोग इस बात की पूरी कोशिश करेगा कि परीक्षाएं शुरू हों उसके पहले ही मतदान की प्रक्रिया पूरी हो जाए। 27-28 मार्च को होली का त्योहार भी है। जानकारों की मानें तो इन सब को देखते हुए 22 मार्च के बाद 26 मार्च तक अधिसूचना जारी की जा सकती है।
19 मार्च को सरकार के चार साल
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के चार साल 19 मार्च को पूरे हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक की चार साल की उपलब्धियां गिनाने के लिये योगी सरकार बड़े जश्न की तैयारी में है। आचार संहिता लागू हो जाने से जश्न तो प्रभावित होगा ही किसी तरह की नई घोषणा भी नहीं की जा सकेगी। आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) में किसी तरह का नया काम शुरू करने या घोषणा करने की मनाही होती है।
चार चरणों में चुनाव
समय सीमा तय हो जाने से एक तरफ जहां आयोग के पास चुनाव कराने के लिये समय कम है तो वहीं सुरक्षा व्यवस्था और चुनाव प्रक्रिया के लिये भी करीब 11.5 लाख कर्मचारियों की जरूरत होगी। इसको देखते हुए आयोग चारों पदों पर एक साथ चार चरणों (Phase) में बांटकर जिला या मंडल स्तर पर बांटकर चुनाव करा सकता है। हालांकि अधिसूचना आने के बाद ही इसकी तस्वीर साफ होगी।