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अभद्रता के आरोप पर पंखुड़ी पाठक से सपा की इस नेत्री ने पूछा सवाल, जवाब सुनकर हो गई बोलती बंद

दोनों में सोशल मीडिया मीडिया वॉर देखने को मिली, लेकिन अंत में पंखुड़ी ने अपनी बात कहकर इस पर विराम लगाया।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Aug 28, 2018

Pankhuri Pathak

Pankhuri Pathak

लखनऊ. समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा देने वाली पंखुड़ी पाठक को सोशल मीडिया पर लोगों का काफी समर्थन मिल रहा है, तो कुछ लोगों के तीखे सवालों का उन्हें सामना भी करना पड़ रहा है। इन्हीं में से एक हैं सपा नेत्री प्रीति चौबे जिन्होंने पंखुड़ी पाठक द्वारा लगाए गए अभद्रता के आरोपों पर उन्हें कटघरे में खड़ा किया है, लेकिन पंखुड़ी ने भी इसके सटीक जवाब दिए। दोनों में सोशल मीडिया मीडिया वॉर देखने को मिली, लेकिन अंत में पंखुड़ी ने अपनी बात कहकर इस पर विराम लगाया।

प्रीति ने की शुरुआत, कहा- बिना पद के संघर्ष करती तो

प्रीति चौबे ने पंखुड़ी पाठक के प्रत्र को ट्वीट करते हुए कहा कि सपा की पहली महिला प्रवक्ता जूही सिंह जी है और पार्टी ने आपको ज्यादा ही सम्मान दे दिया था मैडम जी। कुछ दिन तो बिना पद के संघर्ष करती तो। प्रीति ने आगे कहा कि जब सत्ता में रहे और पदों पर रहे तब अभद्रता नहीं हुई। पद से हटाने से अभद्रता शुरू हो गयी। हम सब महिलाएँ भी हैं। 2007 से पार्टी में हूं।

"राजनीति आपकी मजबूरी हो सकती है मेरी नहीं है"-

पंखुड़ी पाठक ने ज्यादा देरी न करते हुए प्रीति को जवाब दिया और कहा कि शायद जानकारी कम रखती हैं आप। पहली मतलब जिनकी नियुक्ति पहले हुई हो, यहाँ उम्र की बात नहीं हो रही। लेकिन ऐसी फ़िज़ूल की बातों पर चर्चा करना व्यर्थ है। राजनीति आपकी मजबूरी हो सकती है मेरी नहीं है। पंखुड़ी ने आगे कहा कि राजनीति से मेरे घर में एक रुपया नहीं आया, हाँ गया बहुत होगा। तो यह बातें कहीं और करें।

प्रीति यहां नहीं रुकी और उन्होंने इसके जवाब में कहा कि उम्र और पार्टी में आपसे बड़ी और पहले से हूं। दूसरी बात की मैं पैराशूट से पार्टी में नहीं आयी थी। जिले स्तर से शुरूवात किया। अब आपको जब पद नहीं मिला तो पार्टी आपने छोड़ी मजबूरी में। जब तक आप सपा में थी। तब तक आपको सपा में अभद्रता नहीं दिखी? प्रीति ने आखिर में कहा कि खैर अंगूर तो अब खट्टे वाली कहावत है।

"नेताजी और शिवपाल जी पर भी कर लीजिए टिप्पड़ी"-

पंखुड़ी ने कहा कि अंगूर खट्टे नहीं अंगूर सड़ गए हैं। जितनी टिप्पणी मुझ पर कर रही हैं, उतनी नेताजी और शिवपाल जी पर भी कर लीजिए क्योंकि वह भी यही बात कर रहे हैं जो मैं कर रही हूँ। बाक़ी अगर सोच रही हैं कि मुझ पर टिप्पणी कर के सपा में प्रसिद्ध हो जाएँगी या दो चार सपाई जान जाएँगे तो लगी रहिए। शुभकामनाएँ।