
लखनऊ. राजधानी लखनऊ के डाक्टर राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में आकस्मिक वार्ड में इलाज के दौरान के साथ वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी लेकिन अस्पताल में मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराया गया। अस्पताल के निदेशक ने आरोपों का खंडन करते हुए बताया है कि मरीज को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास किये गए लेकिन तबियत अधिक ख़राब होने के कारण जान नहीं बचाई जा सकी।
डाक्टरों और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप
दरअसल, शनिवार को अस्थमा से पीड़ित एक मरीज की तबियत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। परिजनों का आरोप है कि अस्थमा अटैक के कारण मरीज की स्थिति गंभीर थी। उसे आकस्मिक वार्ड में लाने के बाद वहां तैनात कर्मचारियों और डाक्टरों से मरीज को ऑक्सीजन लगाने को कहा लेकिन बात अनसुनी कर दी गई। वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान मरीज की मौत हो गई।अस्पताल के कर्मचारियों ने जानबूझकर लापरवाही दिखाई, जिससे मरीज की मौत हो गई।
अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से किया इंकार
अस्पताल प्रबंध ने इस मामले पर सफाई दी है।अस्पताल के निदेशक डाक्टर देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि राम सेवक नाम के मरीज को इमरजेन्सी में भर्ती कराया गया था। मरीज को ऑक्सीजन व जरूरी दवाएं उपलब्ध कराई गई। उनकी जांचे भी कराई गई। इस दौरान ऑक्सीजन की कोई समस्या नहीं थी। मरीज की स्थिति बेहद नाजुक थी और जान नहीं बचाई जा सकी।
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Published on:
22 Oct 2017 07:50 am
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