
लखनऊ. किसानों की आमदनी दोगुनी करने की सरकारी कवायदों के बीच किसानों की समस्याएं भी कम नहीं हैं। आमदनी बढ़ाने से पहले बड़ी चुनौती यह है कि किसानों को खेती के लिए मूलभूत सुविधाएँ मुहैया हो सके। उत्तर प्रदेश में कहीं सिंचाई के साधनों की कमी है तो कहीं बाढ़ के कारण फसलें हर साल बर्बाद हो जाती हैं। इन सबके बीच प्रदेश के बड़े हिस्से में हर साल ओलावृष्टि के कारण भी फसलें खराब हो जाती हैं।
सिंचाई के साधनों की कमी
किसानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती सिंचाई के साधनों को उपलब्ध कराना है। प्रदेश के बड़े हिस्से में किसान फसल की सिचाई के लिए वर्षा पर निर्भर हैं। यह वर्षा कभी किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है तो कभी नुकसानदायक। कुछ हिस्सों में नहरों का जाल बिछाकर किसानों को राहत पहुंचाने की कोशिश की गई है लेकिन बड़े हिस्से में किसानों के पास अभी भी सिचाई के साधन उपलब्ध नहीं हैं। सम्पन्न किसान सिचाई के लिए ट्यूबबेल का उपयोग कर लेते हैं लेकिन आम किसानों के लिए नहर और बारिश का पानी ही सिंचाई का मुख्य साधन है। बुंदेलखंड, अवध और पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई इलाके ऐसे हैं जहाँ अभी भी भी नहरों की उपलब्धता नहीं है। किसानों को राहत देने के लिए सबसे पहले नहरों का जाल बिछाए जाने की जरूरत है क्योंकि जिन इलाकों में नहरों की उपलब्धता हैं, वहां किसानों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है।
कुदरत का प्रक्रोप भी हैं चुनौती
कभी सिचाई के साधन न मिलने से फसलों की बुवाई और सिचांई में कठिनाई सामने आती है तो कभी प्राकृतिक आपदाएं भी किसानों की परेशानी बढ़ा देती हैं। कभी ओलावृष्टि तो कभी सूखा और बाढ़ किसानों का सबसे बड़ा दुश्मन साबित होता है। इन सब समस्याओं से किसान को निजात दिलाने के लिए जरूरी है कि सरकार फसलों के मुआवजे की योजनाओं को सक्रिय रूप से संचालित करे और बीमा कंपनियों को भी किसानों की बर्बाद फसलों के मुआवजे के भुगतान में प्रभावी जिम्मेदारी निभाए। किसानों को राहत देने के मकसद से बीमा और मुआवजे की योजनाएं तो काफी संचालित हो रही हैं लेकिन किसानों को राहत देने में ये योजनाएं नाकाम रही हैं। बीमा योजना जहाँ किसानों से प्रीमियम वसूलने भर की योजना बनकर रह गई है तो मुआवजे की योजनाओं के नाम पर किसानों को परेशान किये जाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार किसानों को बीमा योजना और मुआवजे की मदद करने में सक्रियता दिखाए जिससे किसानों का भरोसा मजबूत किया जा सके।
Published on:
11 Feb 2018 05:58 pm
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