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Good News: मूंगफली की खेती से होगी किसानों की मौज, जानिए कैसे

Moongfali Export: उत्तर प्रदेश सरकार मूंगफली की खेती को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। झांसी को मूंगफली क्लस्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इससे न सिर्फ बुंदेलखंड क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे, बल्कि निर्यात की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।

लखनऊ

Ritesh Singh

Jun 19, 2025

गरीबों का बादाम मूंगफली, अब बनेगी उत्तर प्रदेश की नई पहचान फोटो सोर्स : Patrika
गरीबों का बादाम मूंगफली, अब बनेगी उत्तर प्रदेश की नई पहचान फोटो सोर्स : Patrika

Good News Moongfali Kheti : योगी सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को लाभकारी बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में मूंगफली की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने व्यापक योजना बनाई है। झांसी को मूंगफली क्लस्टर के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य शुरू हो चुका है। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा और मूंगफली के निर्यात को भी गति मिलेगी।

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गरीबों का बादाम: मूंगफली के पोषण और बाजार मूल्य

मूंगफली को पोषण की दृष्टि से 'गरीबों का बादाम' कहा जाता है। यह न सिर्फ ऊर्जा और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, बल्कि इसमें आवश्यक विटामिन और खनिज भी भरपूर मात्रा में होते हैं। रोजमर्रा के खानपान में इसकी उपयोगिता के अलावा व्रत जैसे विशेष अवसरों पर भी इसका प्रयोग इसे विशेष बनाता है। उत्तर प्रदेश देश की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के कारण मूंगफली का एक विशाल उपभोक्ता बाजार है। इसके अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।

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दस वर्षों में ढाई गुना बढ़ा उत्पादन

वर्ष 2013-2016 के दौरान उत्तर प्रदेश का मूंगफली उत्पादन देश के कुल उत्पादन का महज 2% था, जो अब बढ़कर लगभग 4.7% हो गया है। यह वृद्धि विशेष रूप से बुंदेलखंड और इसके आसपास के जिलों में हुई है। केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप किसानों को बेहतर बीज, तकनीकी सहायता और विपणन के विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।

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झांसी बनेगा मूंगफली का क्लस्टर

उत्तर प्रदेश एग्रीज (Uttar Pradesh Agris) योजना के तहत विश्व बैंक की सहायता से बुंदेलखंड के सात जिलों (झांसी, जालौन, ललितपुर, महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट) को शामिल किया गया है। योजना का उद्देश्य झांसी को मूंगफली उत्पादन का केंद्र बनाना है ताकि एक संगठित और आधुनिक आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा मिल सके।

मूंगफली उत्पादन में यूपी के प्रमुख जिले

बुंदेलखंड के अलावा मैनपुरी, हरदोई, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, अलीगढ़, कासगंज, औरैया, कानपुर देहात, बदायूं, एटा, उन्नाव, लखनऊ, कानपुर नगर और श्रावस्ती भी मूंगफली उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इन जिलों में उपजाऊ भूमि और सिंचाई की बेहतर सुविधा होने से उत्पादन लगातार बढ़ रहा है।

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राष्ट्रीय औसत से ऊपर पहुंचा यूपी का उत्पादन

2013-2016 में यूपी में प्रति हेक्टेयर मूंगफली उत्पादन मात्र 809 किग्रा था, जो अब बढ़कर राष्ट्रीय औसत (1688 किग्रा/हेक्टेयर) से ऊपर पहुंच गया है। बेहतर तकनीक, उन्नत किस्में और समुचित प्रशिक्षण से यह उपलब्धि संभव हुई है। उत्पादन में यह उछाल सरकार की किसान हितैषी नीतियों का परिणाम है।

एमएसपी पर खरीद से बढ़ा किसानों का भरोसा

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों से मूंगफली की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कर रही है। मौजूदा एमएसपी 6783 रुपये प्रति क्विंटल है। एनएएफईडी और एनसीसीएफ के माध्यम से विभिन्न जिलों में मूंगफली की सीधी खरीद की व्यवस्था की गई है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल रहा है।

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मूंगफली के पोषक तत्व और उपयोगिता

मूंगफली में प्रति 100 ग्राम में लगभग 567 कैलोरी, 25-26 ग्राम प्रोटीन, 49-50 ग्राम असंतृप्त वसा, 16-18 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 8-9 ग्राम फाइबर होता है। साथ ही यह विटामिन ई, नियासिन (B3), फोलेट (B9) और कई खनिजों जैसे मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम और जिंक से भरपूर होती है। इसकी यह बहुउपयोगिता इसे घरेलू और वाणिज्यिक दोनों दृष्टिकोण से फायदेमंद बनाती है।

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निर्यात की भी है बड़ी संभावना

झांसी को क्लस्टर के रूप में विकसित करने के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में उत्तर प्रदेश की मूंगफली की पहुंच और विश्वसनीयता बढ़ेगी। इससे राज्य के किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।