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क्या होता है ‘प्वाइंट ब्लैंक रेंज’ जिससे की गई एप्पल एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या? यहां जानें

एसआईटी की टीम द्वारा आज विवेक तिवारी हत्याकांड की सीन को रिक्रिएट कर मामले की तह तक जाने की कोशिश की गई।

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लखनऊ

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Abhishek Gupta

Oct 02, 2018

vivek tiwari

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लखनऊ. एसआईटी की टीम द्वारा आज विवेक तिवारी हत्याकांड की सीन को रिक्रिएट कर मामले की तह तक जाने की कोशिश की गई। इससे पहले सोमवार को आई विवेक तिवारी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने काफी हद तक तस्वीर साफ कर दी है साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। लोहिया अस्तपाल में दो डॉक्टरों जितेन्द्र श्रीवास्तव और प्रवीण कुमार शर्मा की टीम द्वारा किए गए पोस्टमार्टम के बाद आई रिपोर्ट में बताया गया है विवेक को चेहरे के बांई तरफ प्वॉइंट-ब्लैंक रेंज से सिपाही द्वारा गोली मारी गई थी। विवेक के मुंह से 3.5 सेमी. नीचे ठुड्डी के बांयी तरफ गोली लगी है। गोली सिर के नीचे गले की तरफ फंस गई थी। एक्सरे कराने पर दिखा कि गले के बाई तरफ 11 सेमी. नीचे लगी है। इस तथ्य ने साफ तौर पर पुलिस के उस दावे को खारिज कर दिया है जिसमें शुरुआत में कहा था कि विवेक को उस वक्त गोली मारी गई, जब वो अपनी कार को पीछे करने की कोशिश कर रहे थे।

क्या होता है प्वाइंट ब्लैंक रेंज

अब ये पॉइंट ब्लेंक रेंज आखिरकार होता क्या है जिससे सिपाही ने विवेक को गोली मारी कर उसे मौत की नींद सुला दिया। यह सवाल हमारे कई पाठकों में है और आम जनता को इससे कोई मतलब नहीं है, लेकिन इसकी जानकारी बेहद जरूरी है। आमतौर पर पॉइंट ब्लेंक रेंज शब्द पुलिस व फौज में सिपाहियों द्वारा बोला और जरूरत पड़ने इसको इस्तेमाल किया जाता है। प्वाइंट ब्लैंक रेंज का इस्तेमाल तब होता यह है जब किसी ने बेहद करीब से शरीर के किसी हिस्से को टारगेट कर गोली चलाई हो। इसमें टारगेट से कुछ सेंटीमीटर का ही फासला रह जाता है। या टारगेट को छूने से कुछ ही फासला बचा जाता है। आमतौर पर अपराधियों व आतंकवादियों को मारने के लिए पुलिस या फौजी इसका इस्तेमाल करते हैं।

विवेक तिवारी नहीं था कोई अपराधी या आतंकवादी-

अब विवेक तिवारी कोई अपराधी या आतंकवादी तो थे नहीं। यह सवाल प्रदेश व देश की जनता पूछ रही है तो आखिर क्यों उसके प्रति ऐसा बर्ताव किया गया है। पोस्टमार्ट रिपोर्ट के अनुसार विवेक हत्याकांड में सिपाही ने पॉइंट ब्लेंक रेंज पर निर्दोष को मारा। पोस्टमॉर्टम में यह भी बताया है कि कुछ उचाई से विवेक तिवारी को गोली मारी गई थी। इसको अगर प्वाइंट ब्लैंक रेंज से जोड़ा जाए तो संभवतः सिपाही इसका इस्तेमाल करने के लिए गाड़ी के बोनट के ऊपर चढ़ा होगा और गाड़ी के शीशे से अपनी बंदूक को सटा कर उसने गोली चलाई होगी। हालांकि इसमें किसनी सच्चाई है यह तो पूर्ण जांच से ही चल पाएगा। देखना है और क्या तथ्य सामने आते हैं।


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