
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए लगातार सक्रिय नजर आ रही है। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। जहां एक और कुख्यात अपराधियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया है तो वहीं दूसरी ओर बड़े अपराधियों व उनके गैंग के सदस्यों के खिलाफ कुर्की जैसी गंभीर कार्यवाही की गई। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में आपराधिक घटनाओं की खबरें सामने आती हैं।
तैयार किया गया प्लान
अपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए व अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही करने के लिए राजधानी लखनऊ में पालीगन सिस्टम लागू किया गया है। पॉलीगन सिस्टम के तहत क्विक रिस्पांस टीम का गठन किया गया है जो एक कंट्रोल रूम से जुड़ी होती हैं। ऐसे में यदि लखनऊ के किसी एक कोने में कोई आपराधिक घटना होती है और अपराधी फरार होने का प्रयास करता है तो इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी जाती है। कंट्रोल रूम में बैठे हुए कर्मचारी इस सूचना को पॉलीगन की विभिन्न टीमों को देते हैं सभी टीमें एक दूसरे से कोआर्डिनेशन में रहती हैं और कंट्रोल रूम टीमों के बीच में समन्वय स्थापित करते हुए अपराधी को ट्रेस करने का प्रयास करता हैं।
एग्जिट प्वाइंट पर तैनात होती है टीम
पॉलीगन टीम को इस तरह से तैयार किया गया है कि शहर के हर एग्जिट प्वाइंट पर टीम के लोग तैनात होते हैं जो कंट्रोल रूम से कनेक्शन में रहते हैं। ऐसे में अपराध करने के बाद अपराधी का शहर छोड़कर दूसरे शहर में भागना आसान नहीं होता है वहीं दूसरी ओर अन्य टीमें आरोपी का पीछा कर रही होती है ऐसे में शहर के विभिन्न सड़कों पर टीम की मौजूदगी के चलते अपराधी का टीम की आंखों में धूल झोंक कर भागना मुश्किल होता है।
कर्मचारियों को दी गई ट्रेनिंग
पॉलीगन टीम में शामिल होने वाले कर्मचारियों को खास तरह की ट्रेनिंग दी गई है। पुरुषों के साथ महिलाओं को भी टीम में जगह दी गई है जिन्हें खास तरीके से ट्रेन किया गया है। पॉलीगन में बेहतरीन गाड़ी चलाने वाले कर्मचारियों को शामिल किया गया है। जिससे कि यदि अपराधी दोपहर 4:00 से फरार होने की कोशिश करता है तो कर्मचारी उसे आसानी से पकड़ सके। पॉलीगन टीम में शामिल कर्मचारियों को ट्रेनिंग के साथ बेहतर हथियार भी उपलब्ध कराए गए हैं जिससे वह अपराधी से निपट सकें।
Published on:
11 Jul 2022 09:38 pm
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