
मौलाना सैफ अब्बास सहित 14 अन्य आरोपियो के लगाए गए पोस्टर, सीएए-एनआरसी प्रदर्शनकारियों पर इनाम
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ शिकंजा कसा है। सरकार ने प्रदर्शन करने वाले आठ लोगों को भगोड़ा घोषित किया है। पुराने लखनऊ में कई जगह आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं। प्रदर्शनकारियों के घरों के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं। जबकि मौलाना सैफ अब्बास सहित सीएए-एनआरसी के 14 अन्य आरोपियों के पोस्टर सड़कों पर लगाए गए हैं। इन आरोपियों की गिरफ्तारी पर इनाम भी घोषित है। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों की सूचना देने वाले को पांच हजार रुपये का इनाम की भी घोषणा की है।
दो अलग-अलग पोस्टर जारी
विरोध करने वालों के दो अलग-अलग पोस्टर जारी किए गए हैं। एक वह पोस्टर है जिनमें प्रदर्शनकारियों की तस्वीर है, जिन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। दूसरे में उन प्रदर्शनकारियों की तस्वीर है, जो फरार तो हैं लेकिन उन पर गैंगस्टर एक्ट नहीं लगा है। जारी किए पोस्टर में पुलिस अधिकारियों के नंबर भी हैं। इन प्रदर्शनकारियों पर आगजनी करने, सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
शायर मुनव्वर राणा की बेटी नजरबंद
पुलिस ने शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा को नजरबंद किया है। शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया का आरोप है कि गुरुवार रात एकाएक पुलिस की कई टीमों के द्वारा सीएए व एनआरसी के विरोध में शामिल हुए प्रदर्शन कर्मियों के घर पर छापेमारी की जाने लगी। लखनऊ पुलिस के द्वारा देर रात महिलाओं को जबरदस्ती उठा कर थाने ले जाने का प्रयास किया गया। जिसके विरोध में झड़प भी हुई। उनका आरोप है कि लखनऊ पुलिस लोगों को परेशान कर रही है। लोगों को धमकी दी जा रही है कि घर गिरा दिए जाएंगे। सुमैया ने कहा कि रात से पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर दिया है।घर के बाहर पुलिस का पहरा तैनात है।
दिसंबर में हुआ था हिंसक प्रदर्शन
गौरतलब है कि सीएए-एनआरसी के विरोध में पिछले वर्ष दिसंबर में राजधानी लखनऊ में हिंसक प्रदर्शन हुआ था। तबसे योगी सरकार का प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एक्शन लगातार जारी है। प्रदर्शनकारियों पर इनाम घोषित किया गया है। वहीं, आठ को गैंगस्टर के मुकदमे में वांटेड घोषित किया गया है। लखनऊ में 19 दिसंबर को सीएए-एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन किया गया था। इसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच में हिंसा हुई थी। जिसके बाद लखनऊ पुलिस ने एफआईआर लिखकर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर भी चौराहों पर लगाए गए थे।
थाना ठाकुरगंज में दर्ज एफआईआर के आठ आरोपी अभी भी फरार हैं जिनके खिलाफ पुलिस ने सोमवार को धारा 82 की कार्रवाई करते हुए डुगडुगी बजाकर नोटिस लगाया था। इससे पहले ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस नवीन अरोड़ा ने कहा कि ठाकुरगंज थाने में दर्ज मामले में 27 ऐसे आरोपी थे जो हिंसा में शामिल थे। इनमें 11 लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है और एक आरोपी ने सरेंडर कर दिया था। हालांकि, सात आरोपियों ने कोर्ट से गिरफ्तारी का स्टे ले लिया था जिसके बाद बचे हुए आठ आरोपियों के खिलाफ गुंडा एक्ट की कार्रवाई करते हुए धारा 82 की कार्रवाई की गई है।
इनके खिलाफ लगे पोस्टर
जिनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगा है उन में मोहम्मद अलाम, मोहम्मद तहिर, रिजवान, नायब उर्फ रफत अली, अहसन, इरशाद, हसन और इरशाद शामिल है।
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Published on:
06 Nov 2020 03:36 pm
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