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यूपी में सत्ता बनाम सिस्टम, विधायक से लेकर मंत्री तक, नौकरशाही से क्यों हो रही बार बार तकरार, क्या अफसर सुनते नहीं?

यूपी में नेताओं और नौकरशाहों के बीच टकराव अब खुलकर सामने आने लगा है। मंत्री से लेकर विधायक तक अफसरों पर मनमानी के आरोप लगा रहे हैं। क्या जनप्रतिनिधियों का बढ़ता असंतोष भाजपा सरकार के लिए संकट का संकेत है?

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श्रीकांत शर्मा

यूपी में सत्ता बनाम सिस्टम

लखनऊ - उत्तर प्रदेश में नेताओं और अफसरों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मथुरा से प्रयागराज तक नेताओं की नाराज़गी खुलकर सामने आ रही है। मंत्री नंद गोपाल नंदी के बाद अब पूर्व ऊर्जा मंत्री और मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा ने भी अफसरों की मनमानी पर सवाल उठाए हैं। अफसरों की अनदेखी, जनता के कामों में देरी और आदेशों के पालन में लापरवाही को लेकर विधायक खुलकर बोलने लगे हैं। सवाल यह भी है क्या ये नई बात है या सत्ता और सिस्टम की यह खींचतान यूपी की पुरानी परंपरा रही है?

श्रीकांत शर्मा का क्यों फूटा गुस्सा

अक्सर चुप रहने वाले मथुरा विधायक और पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सोशल मीडिया के जरिए अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वृंदावन की ध्वस्त यातायात व्यवस्था को देख कर श्रीकांत शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर प्रशासनिक निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया। शर्मा ने कमिश्नर और यूपी सीएम को टैग करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की...

नंदी और मुख्य सचिव विवाद दिल्ली तक पहुंचा


अभी हाल ही में औद्योगिक विकास मंत्री नंदगोपाल गुप्ता नंदी और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह का विवाद खूब चर्चाओं में रहा । मंत्री ने मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ को भेजी पत्रावली में मुख्य सचिव एवं औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना आयुक्त मनोज कुमार सिंह, विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार पर गंभीर आरोप लगाए थे। नंदी ने यहां तक कहा कि उन्हें मंत्रालय में काम नहीं करने दिया जा रहा। प्रोजेक्ट्स में अनावश्यक विलंब किया जाता है। ये मामला अब ठंडे बस्ते में चला गया है।

पिछले कार्याकाल में आ गया था संकट

योगी सरकार के पहले कार्यकाल में भी विधायकों और अफसरों के बीच मनमानी का मुद्दा दिल्ली तक पहुंच गया था। विधायक नंदकिशोर गुर्जर अपनी ही सरकार के खिलाफ 100 से ज्यादा विधायकों के साथ सदन में बैठ गए थे।उन्होंने नौकरशाही पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इस दौरान विपक्ष ने सरकार को अल्पमत में होने तक का आरोप लगा दिया था। मौजूदा माहौल में भी विधायकों और अफसरों के बीच विवाद इसी तरह बढ़ रहे हैं। शासन स्तर पर उनका समाधान भी नहीं हो रहा है।

इस बार ये विधायकों और अफसरों के बीच टकराव

1- बांदा विधायक प्रकाश चंद्र द्विवेदी और एसडीएम रजत वर्मा से तकरार
2- देवरिया में जिला प्रशासन की एक बैठक में विधायक दीपक मिश्रा और जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के बीच तीखी नोकझोंक हुई
3-अलीगढ़ विधायक मुक्ताराज ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर आरोप लगाए। विधायक ने सीएमओ डॉ. त्यागी का तबादला करने की भी मांग की ।
4-बुलंदशहर विधायक ठाकुर लक्ष्मीराज का बिजली अफसरों पर फोन नहीं उठाने का आरोप

किसी भी सरकार में चुने हुए जनप्रतिनिधी और अफसरों के बीच बेहतर समन्वय ही सुशासन की रीढ़ होता है। यूपी में जो टकराव दिख रहा है, वह संकेत है कि संवाद और जवाबदेही दोनों की ज़रूरत पहले से कहीं अधिक है।