
लखनऊ. एक ओर उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर तमाम तरह की योजनाएं बना रही है तो दूसरी ओर दूसरी ओर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना प्रदेश में शुरू होने में देरी हो रही है।इस योजना को एक जनवरी 2017 से पूरे देश में क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश में अभी तक यह योजना शुरू नहीं हो सकी है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अक्टूबर महीने में इस योजना को उत्तर प्रदेश में शुरू कर दिया जायेगा।
पहली बार गर्भवती होने पर मिलेगा 5 हज़ार रूपए
इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती हो रही महिलाओं को वित्तीय लाभ दिया जाएगा। योजना के तहत गर्भावस्था के पंजीकरण के समय पहली किश्त एक हज़ार रूपये , गर्भावस्था के छह महीने बाद दूसरी किश्त दो हज़ार रूपये और प्रसव के बाद तीसरी किश्त दो हज़ार रूपये दी जाएगी। तीनों किश्त की धनराशि महिला के बैंक खाते में भेजी जाएगी।यह धनराशि जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाली राशि से अलग होगी।
पौष्टिक तत्व उपलब्ध कराना है मकसद
योजना का उद्द्येश्य गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक पदार्थों के उपयोग के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराना है।नेशनल हेल्थ मिशन उत्तर प्रदेश के निदेशक पंकज कुमार बताते हैं कि सितंबर महीने में भारत सरकार की गाइडलाइन प्राप्त हुई है।स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि अक्टूबर महीने में यह योजना उत्तर प्रदेश में शुरू हो जाये।
सिफ्सा करेगी योजना का क्रियान्वयन
उत्तर प्रदेश में इस योजना को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तत्वावधान में राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी सिफ्सा द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना का लाभ उन सभी महिलाओं को दिया जाएगा जिनकी गर्भावस्था का पंजीकरण एक जनवरी 2017 के बाद हुआ है।
Updated on:
13 Oct 2017 06:22 pm
Published on:
13 Oct 2017 06:16 pm
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